आख़िर तक – एक नज़र में
- INDIA गठबंधन में ममता बनर्जी के नेतृत्व की मांग पर विवाद बढ़ रहा है।
- लालू यादव सहित कई गैर-कांग्रेसी नेताओं ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है।
- कांग्रेस ने इस मांग पर आपत्ति जताई है, जिससे विपक्षी एकता में दरार आई है।
- YSRCP जैसे दलों ने भी ममता बनर्जी के नेतृत्व का समर्थन किया है।
- यह विवाद महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उभरा है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पिछले हफ़्ते ममता बनर्जी द्वारा INDIA गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा व्यक्त करने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया है। कई गैर-कांग्रेसी दलों ने उनका समर्थन किया है। लालू प्रसाद यादव ने भी ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें INDIA गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए। कांग्रेस के “आरक्षण” पर लालू यादव ने कहा कि कांग्रेस का विरोध कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। तेजस्वी यादव ने भी सहमति से फ़ैसला लेने पर ज़ोर दिया।
YSRCP का समर्थन
YSRCP ने भी ममता बनर्जी के नेतृत्व का समर्थन किया है। YSRCP के राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी के पास गठबंधन का नेतृत्व करने का भरपूर अनुभव है।
कांग्रेस की आशंका
कांग्रेस ने इस कदम पर आशंका व्यक्त की है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने TMC की पश्चिम बंगाल से बाहर की राजनीतिक सफलता पर सवाल उठाया है।
तृणमूल कांग्रेस का तर्क
तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कांग्रेस से अपना अहंकार त्यागकर ममता बनर्जी को नेता बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में INDIA गठबंधन असफल रहा है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
INDIA गठबंधन के नेतृत्व को लेकर ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच विवाद गहरा गया है। कई गैर-कांग्रेसी दलों ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। यह विवाद विपक्षी एकता के लिए चुनौती बन गया है।
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