आख़िर तक – एक नज़र में:
- इसरो ने 16 जनवरी 2025 को स्पेडेक्स सैटेलाइट्स का सफल डॉकिंग किया।
- भारत अब डॉकिंग और अंडॉकिंग क्षमताओं के साथ दुनिया के चौथे देश के रूप में उभरा।
- यह सफल डॉकिंग मिशन चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे भविष्य के मिशन की दिशा तैयार करता है।
- 475 किमी के कक्षीय पथ में दो सैटेलाइट्स, SDX01 और SDX02 के बीच एक सटीक डॉकिंग हुई।
- भारत की अंतरिक्ष यात्रा में यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें भविष्य के जटिल अंतरिक्ष मिशन के लिए बुनियादी तकनीक को साबित किया गया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार:
स्पेडेक्स सैटेलाइट्स का डॉकिंग प्रयोग:
इसरो ने 16 जनवरी 2025 को अपने स्पेडेक्स मिशन के तहत दो सैटेलाइट्स, SDX01 और SDX02 के बीच डॉकिंग का सफल प्रयोग किया। यह कदम भारत को एक नई उपलब्धि की दिशा में ले गया है, और अब भारत दुनिया के उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने अंतरिक्ष में डॉकिंग और अंडॉकिंग की क्षमता हासिल की है। इसका प्रमुख उद्देश्य भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को सशक्त बनाना है, जैसे चंद्रयान-4 और गगनयान।
मिशन का विवरण:
इस मिशन में दोनों सैटेलाइट्स का वजन लगभग 220 किलोग्राम था और इन्हें PSLV C60 रॉकेट द्वारा 30 दिसंबर 2024 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। पहले यह सैटेलाइट्स 475 किमी के गोलाकार कक्षा में स्थित थे, जिसके बाद उन्होंने एक जटिल प्रक्रिया के तहत अपनी स्थिति को 1.5 किमी से घटाकर केवल 3 मीटर तक लाया और फिर डॉकिंग की।
तकनीकी सफलता और समर्थन:
इसरो के अभियंताओं ने इसे एक प्रकार की ‘टैंगो’ के रूप में वर्णित किया, जहां दोनों सैटेलाइट्स का परफेक्ट आलाइंनमेंट हुआ और यांत्रिक रूप से डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी की गई। प्रारंभिक तौर पर यह प्रयोग 7 जनवरी, 9 जनवरी, और 11 जनवरी को किया गया था, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और संशोधनों के बाद 16 जनवरी को सफलता मिली।
भारत की बढ़ती अंतरिक्ष यात्रा और भविष्य के मिशन:
इस डॉकिंग से भारत को अंतरिक्ष में बहुत बड़ी तकनीकी सफलता मिली है, और इस सफल प्रयोग का फायद़ा चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे जटिल मिशन को होगा। इन मिशनों के लिए खासतौर पर चंद्रमा की सतह से शैल और मिट्टी के नमूने लाने के लिए एक जटिल डॉकिंग प्रक्रिया की आवश्यकता होगी। भारत अब एक ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जो भविष्य में किसी भी अंतरिक्ष स्टेशन या मानवीय मिशन के लिए जरूरी तकनीकी ढांचा प्रस्तुत करता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:
- इसरो ने स्पेडेक्स मिशन के तहत सफल डॉकिंग का प्रयोग किया।
- भारत अब अंतरिक्ष में डॉकिंग की क्षमता हासिल करने वाले देशों में चौथा है।
- चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे मिशन के लिए यह प्रयोग एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
- डॉकिंग प्रक्रिया के सफलता के बाद भारत ने साबित किया कि वह जटिल अंतरिक्ष तकनीकों में अग्रणी है।
- भारत की अंतरिक्ष यात्रा में यह कदम भविष्य के बड़े मिशन को पूरा करने में मदद करेगा।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.