आख़िर तक – एक नज़र में
- इसरो ने सफलतापूर्वक SpaDeX मिशन लॉन्च किया।
- मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक का परीक्षण करना है।
- यह भविष्य के मिशनों जैसे चंद्रयान-4 और गगनयान के लिए अहम है।
- दो उपग्रहों के बीच अगले 10 दिनों में डॉकिंग प्रक्रिया पूरी होगी।
- यह भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाले देशों की श्रेणी में लाएगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
SpaDeX मिशन का महत्व
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन को लॉन्च कर भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। SpaDeX मिशन का मुख्य उद्देश्य उन्नत अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है, जो भविष्य में चंद्रयान-4 और गगनयान जैसे अभियानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लॉन्च की प्रक्रिया
यह मिशन 24 अन्य प्रयोगों के साथ पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के माध्यम से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। दो 220 किलोग्राम के उपग्रह, SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट), को लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया गया। लॉन्च के समय केवल 2 मिनट की देरी की गई ताकि अन्य उपग्रहों से टकराव से बचा जा सके।
अंतरिक्ष डॉकिंग की प्रक्रिया
SpaDeX मिशन में, दोनों उपग्रह प्रारंभ में 10-15 किलोमीटर की दूरी तक अलग होंगे। सिस्टम जांच के बाद, चेज़र उपग्रह धीरे-धीरे टारगेट उपग्रह की ओर बढ़ेगा। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से होगी, जहां दूरी को 5 किलोमीटर, फिर 1.5 किलोमीटर तक घटाया जाएगा और अंततः दोनों उपग्रह डॉक करेंगे।
SpaDeX का भविष्य पर प्रभाव
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए क्रांतिकारी साबित होगा। SpaDeX के सफलतापूर्वक पूरा होने से भारत की क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे भविष्य के इंटरप्लेनेटरी मिशन संभव होंगे।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- SpaDeX मिशन इसरो के भविष्य के अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में भारत की विशेषज्ञता को दर्शाता है।
- मिशन गगनयान और चंद्रयान-4 जैसे अभियानों के लिए आधार तैयार करेगा।
- SpaDeX से भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान और मजबूत होगा।
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