आख़िर तक – एक नज़र में
- इसरो ने यूरोपीय स्पेस एजेंसी के Proba-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
- लॉन्च PSLV-XL रॉकेट से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुआ।
- Proba-3 मिशन सूर्य के कोरोना पर अध्ययन करेगा।
- यह मिशन इसरो और ईएसए के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग का उदाहरण है।
- Proba-3 दो सैटेलाइट्स के साथ सूर्य की कोरोना की विस्तृत जानकारी देगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मिशन का सफल प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 5 दिसंबर को यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के Proba-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। PSLV-XL रॉकेट ने शाम 4:04 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। यह मिशन सूर्य के कोरोना, जो सूर्य के वायुमंडल की बाहरी परत है, का गहन अध्ययन करेगा।
Proba-3 मिशन की विशेषताएं
Proba-3 दो सैटेलाइट्स – कोरोनाग्राफ और ऑक्ल्टर – से मिलकर बना है। ये दोनों सैटेलाइट्स 150 मीटर की दूरी पर एक-दूसरे के साथ उड़ान भरेंगे। ऑक्ल्टर सूर्य की चमकदार डिस्क को ब्लॉक करेगा, जिससे कोरोनाग्राफ सूर्य के कोरोना को अभूतपूर्व विस्तार से देख सकेगा।
तकनीकी चुनौतियां और समाधान
लॉन्च पहले बुधवार को होना था, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण इसे गुरुवार तक टाल दिया गया। ESA की टीम ने बेल्जियम में समस्या को हल किया और लॉन्च को सफल बनाया।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल
यह मिशन इसरो और ईएसए के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है। Proba-3 मिशन से प्राप्त डेटा से अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी में मदद मिलेगी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- इसरो ने PSLV-XL रॉकेट से Proba-3 मिशन लॉन्च किया।
- मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
- यह इसरो और ईएसए के सहयोग का महत्वपूर्ण उदाहरण है।
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