आख़िर तक – एक नज़र में
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के ‘ट्रंप आमंत्रण’ दावे को झूठा बताया।
- जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उनके अमेरिका दौरे में पीएम मोदी के निमंत्रण पर कोई चर्चा नहीं हुई।
- उन्होंने कहा कि यह सामान्य जानकारी है कि प्रधानमंत्री ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते।
- राहुल गांधी के दावे को भारत की वैश्विक छवि के लिए हानिकारक बताया गया।
- जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए झूठ बोलना देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
जयशंकर ने राहुल गांधी के दावे को बताया झूठा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय सरकार ने पीएम मोदी के लिए डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण पाने के लिए जयशंकर को अमेरिका भेजा था। इस पर जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है और इससे भारत की वैश्विक छवि धूमिल होती है।
जयशंकर का अमेरिकी दौरा और वास्तविक उद्देश्य
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि दिसंबर 2024 में उनका अमेरिका दौरा पूरी तरह से द्विपक्षीय बातचीत पर केंद्रित था। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय महावाणिज्य दूतों की बैठक की अध्यक्षता भी की। उन्होंने कहा, “मेरे दौरे का उद्देश्य सिर्फ राजनयिक वार्ता था, न कि किसी आमंत्रण पर चर्चा करना।”
पीएम मोदी आमंत्रण पर चर्चा क्यों नहीं हुई?
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में भाग नहीं लेते। उन्होंने स्पष्ट किया, “यह सामान्य जानकारी है कि हमारे प्रधानमंत्री इन आयोजनों में शामिल नहीं होते। आमतौर पर भारत की ओर से विशेष दूत ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं।”
राहुल गांधी पर भारत की छवि खराब करने का आरोप
जयशंकर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अपने राजनीतिक फायदे के लिए झूठे बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को नुकसान पहुंचाते हैं। जयशंकर ने कहा, “राहुल गांधी के झूठे दावे केवल राजनीतिक लाभ के लिए हो सकते हैं, लेकिन इससे देश की वैश्विक छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- जयशंकर ने राहुल गांधी के ट्रंप आमंत्रण दावे को झूठा बताया।
- अमेरिका दौरे का उद्देश्य केवल राजनयिक वार्ता था।
- पीएम मोदी ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते।
- राजनीतिक लाभ के लिए दिए गए गलत बयान भारत की छवि खराब कर सकते हैं।
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