आख़िर तक – एक नज़र में:
- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में यूक्रेन युद्ध पर कूटनीति का समर्थन किया।
- उन्होंने कहा कि इस युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है।
- जयशंकर ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी बल दिया।
- उन्होंने रूस से तेल खरीद के भारत के निर्णय को आर्थिक हितों से जोड़ा।
- वैश्विक स्थिरता के लिए संवाद और सहयोग पर जोर दिया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार:
यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति
हाल ही में एस. जयशंकर ने एक इंटरव्यू में यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई से समाधान नहीं निकलेगा। जयशंकर ने कहा, “यूक्रेन युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है। सभी पक्षों को बातचीत के लिए तैयार होना चाहिए।”
भारत-ईयू संबंधों का महत्व
जयशंकर ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच मजबूत व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, “ईयू भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और महत्वपूर्ण निवेशक है।” उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
रूस से तेल खरीद पर भारत की सफाई
रूस से तेल खरीद के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि यह आर्थिक आवश्यकताओं से जुड़ा निर्णय है। उन्होंने यूरोप की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा, “अगर यह सिद्धांतों की बात होती, तो यूरोप को भी रूस से अपने सभी व्यापारिक संबंध खत्म कर देने चाहिए थे।”
चीन पर जयशंकर का रुख
चीन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाना है। जयशंकर ने कहा, “हमारे हित अपने क्षेत्र की स्थिरता और सहयोग में हैं, न कि किसी और देश के इर्द-गिर्द।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें:
- यूक्रेन युद्ध का समाधान कूटनीति में है।
- भारत-ईयू व्यापार समझौता जल्द पूरा हो सकता है।
- रूस से तेल खरीद भारत की आर्थिक आवश्यकता है।
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संवाद महत्वपूर्ण है।
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