भाषा विवाद: कमल हासन की चेतावनी

आख़िर तक
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भाषा विवाद: कमल हासन की चेतावनी

आख़िर तक – एक नज़र में

  • कमल हासन ने भाषा के मुद्दे पर तमिलों को चेतावनी दी।
  • NEP की त्रि-भाषा नीति पर केंद्र और तमिलनाडु में विवाद जारी है।
  • एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार से धन जारी करने की मांग की।
  • धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु से राजनीतिक मतभेद भुलाने का आग्रह किया।
  • स्टालिन ने केंद्र को तमिल पहचान को चुनौती न देने की चेतावनी दी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने शुक्रवार को तमिलों के बीच भाषा के महत्व को रेखांकित किया और ऐसे मामलों को हल्के में लेने के खिलाफ चेतावनी दी। उनकी यह टिप्पणी केंद्र और एमके स्टालिन की डीएमके सरकार के बीच राज्य में एनईपी की त्रि-भाषा नीति के कार्यान्वयन को लेकर चल रहे भाषा विवाद के बीच आई है। कमल हासन ने कहा, “तमिलों ने एक भाषा के लिए अपनी जान गंवाई है। उन चीजों के साथ मत खेलो। तमिल, यहां तक कि बच्चे भी जानते हैं कि उन्हें किस भाषा की आवश्यकता है। उनके पास यह चुनने का ज्ञान है कि उन्हें कौन सी भाषा चाहिए।”

भाजपा और डीएमके के बीच स्टालिन के नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तमिलनाडु में त्रि-भाषा नीति को लागू करने के विरोध को लेकर एक भयंकर राजनीतिक विवाद है, जिसमें हिंदी शामिल है। हासन की एमएनएम ने 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाले INDIA ब्लॉक का समर्थन किया था।

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत 2,152 करोड़ रुपये की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए एक पत्र लिखा। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की, जिसमें सुझाव दिया गया था कि यदि तमिलनाडु एनईपी को लागू नहीं करता है तो धन जारी नहीं किया जाएगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, “इससे हमारे राज्य में छात्रों, राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच अत्यधिक चिंता और अशांति पैदा हो गई है,” प्रधानमंत्री मोदी से मामले में सीधे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। प्रधान ने स्टालिन पर पलटवार करते हुए दक्षिणी राज्यों से छात्रों के लाभ के लिए “राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने” का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के जवाब में प्रधान ने जोर देकर कहा कि एनईपी एक “परिवर्तनकारी दृष्टि है जो भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों तक ले जाने का प्रयास करती है” जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करना है। शिक्षा मंत्री ने यह भी प्रकाश डाला कि नीति किसी विशेष भाषा को लागू नहीं करती है।

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प्रधान ने डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार को एनईपी को “संकीर्ण दृष्टि” से देखने और प्रगतिशील सुधारों को राजनीतिक आख्यानों में बदलने के लिए आलोचना की। स्टालिन ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार तमिलों की पहचान को चुनौती न दे।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • कमल हासन ने भाषा विवाद पर चेतावनी जारी की।
  • NEP की त्रि-भाषा नीति पर केंद्र-राज्य विवाद जारी।
  • स्टालिन ने केंद्र से धन जारी करने की मांग की।
  • प्रधान ने राजनीतिक मतभेद भुलाने का आग्रह किया।
  • स्टालिन ने तमिल पहचान को चुनौती न देने की चेतावनी दी।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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