कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिनों बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे 21 सितंबर से अस्पतालों में आवश्यक सेवाएं फिर से शुरू करेंगे। डॉक्टरों ने शुक्रवार को बताया कि वे सीबीआई कार्यालय तक एक रैली निकालेंगे ताकि इस जघन्य मामले की जांच को तेजी से पूरा किया जा सके।
रैली और प्रदर्शन:
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि आज दोपहर 3 बजे वे स्वास्थ्य भवन से सीबीआई कार्यालय तक एक रैली निकालेंगे। उनका उद्देश्य सीबीआई से इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने की मांग करना है। एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, “हम यहां से अपना विरोध खत्म कर रहे हैं और सीबीआई कार्यालय तक एक रैली निकालेंगे। सीबीआई को इस बलात्कार और हत्या के मामले की जांच को तेज करना चाहिए।” डॉक्टरों ने यह भी कहा कि 21 सितंबर से सभी आवश्यक सेवाएं बहाल की जाएंगी क्योंकि राज्य में बाढ़ जैसी आपात स्थितियां हैं और उन्हें लोगों की मदद करनी होगी।
सरकार से चर्चा और निर्णय:
डॉक्टरों का यह फैसला सरकार से हुई चर्चाओं के बाद आया है। डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने मुख्य बिंदुओं का मसौदा राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को सौंपा, जिसमें डॉक्टरों की प्रमुख चिंताओं और मांगों का उल्लेख किया गया था। अब वे राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।
डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच वार्ता का दूसरा दौर गुरुवार को राज्य सचिवालय, नबन्ना में हुआ, जिसमें जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था। पहला दौर सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट निवास पर हुआ था।
पश्चिम बंगाल में यह विरोध प्रदर्शन उस समय उभरकर आया जब एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इन घटनाओं के बाद राज्य भर में आक्रोश फैल गया और डॉक्टरों ने अपने विरोध को तेज किया।
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