आख़िर तक – एक नज़र में
- समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन ने कुंभ मेले के जल प्रदूषण को लेकर बड़ा आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा कि पिछले महीने हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के शव नदी में फेंके गए।
- जया बच्चन ने यूपी सरकार पर आम जनता के लिए कोई विशेष प्रबंध न करने का आरोप लगाया।
- उन्होंने सरकार पर मृतकों के पोस्टमार्टम न कराने और असली मुद्दों को छिपाने का आरोप लगाया।
- विपक्षी दलों ने भी सरकार से पारदर्शिता की मांग की और संसद में चर्चा की अपील की।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
कुंभ जल प्रदूषण पर जया बच्चन का बड़ा आरोप
समाजवादी पार्टी सांसद और मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन ने सोमवार को कुंभ मेले के जल प्रदूषण को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में जल प्रदूषित हो गया है क्योंकि पिछले महीने हुई भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को नदी में फेंक दिया गया।
यूपी सरकार पर लापरवाही के आरोप
जया बच्चन ने यूपी सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम लोगों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की है। उनके अनुसार, “कुंभ का पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है क्योंकि शवों को नदी में बहा दिया गया है। आम लोग वहां बिना किसी विशेष सुविधा के जा रहे हैं।”
भगदड़ में हुई मौतें और सरकार की प्रतिक्रिया
29 जनवरी को ‘मौनी अमावस्या’ के अवसर पर संगम नोज क्षेत्र में लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए एकत्र हुए थे। अचानक भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे दूसरी तरफ खड़े लोग कुचले गए। सरकार ने 18 घंटे बाद आधिकारिक पुष्टि की, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया।
न्यायिक आयोग की जांच जारी
घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने 31 जनवरी को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया। इस आयोग को एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़
12 वर्षों के बाद आयोजित हो रहा यह महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। यूपी सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले में 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद जताई है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- जया बच्चन ने महाकुंभ के जल प्रदूषण को लेकर यूपी सरकार पर सवाल उठाए।
- भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई और शवों को नदी में बहाने का आरोप लगा।
- सरकार ने अब तक कोई विस्तृत सफाई नहीं दी और विपक्ष ने जांच की मांग की।
- न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है और एक माह में रिपोर्ट देगा।
- महाकुंभ 2025 में भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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