आख़िर तक – एक नज़र में
- महाकुंभ में बसंत पंचमी के अवसर पर 62 लाख श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया।
- यह स्नान महाकुंभ का सबसे पवित्र अनुष्ठान है, जो करोड़ों श्रद्धालुओं को संगम तट तक खींच लाता है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “शून्य त्रुटि” निर्देश के तहत आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ।
- पिछली 29 जनवरी को हुई भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
- उत्तर प्रदेश सरकार को सोमवार को ही 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
62 लाख श्रद्धालुओं ने बसंत पंचमी पर किया अमृत स्नान
महाकुंभ 2025 के महत्वपूर्ण पर्व बसंत पंचमी के अवसर पर, सोमवार को 62 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान किया। यह स्नान महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है, जिसमें देश-विदेश से संत, साधु और श्रद्धालु शामिल होते हैं।
महामंडलेश्वर के नेतृत्व में अखाड़ों की शोभायात्रा
अखाड़ों के महामंडलेश्वर के नेतृत्व में संतों की शोभायात्रा सोमवार तड़के शुरू हुई। सभी अखाड़ों ने निर्धारित क्रम में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजे निर्धारित था, जिस दौरान हजारों नागा साधुओं और अन्य संप्रदायों ने स्नान किया।
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को लेकर विशेष निर्देश दिए थे। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हुई थी, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की।
प्रयागराज में आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुंभ क्षेत्र को 3,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। कुंभ कमांड और कंट्रोल सेंटर के जरिए 25 सेक्टरों और 30 पोंटून पुलों की निगरानी की जा रही है।
महाकुंभ 2025 में अब तक 34.97 करोड़ श्रद्धालु शामिल
उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, रविवार तक महाकुंभ में 34.97 करोड़ श्रद्धालु शामिल हो चुके थे। अकेले सोमवार को 5 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन संपन्न हुआ।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए थे।
- अमृत स्नान के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
- प्रशासन ने कुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
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