आख़िर तक – एक नज़र में
- प्रयागराज में महा कुंभ के दौरान दो भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई।
- पहली भगदड़ संगम नोज पर हुई, जबकि दूसरी झूसी में हुई।
- झूसी में हुई भगदड़ के बारे में जानकारी देर से सामने आई।
- भगदड़ के बाद कपड़े, जूते और बोतलों के ढेर देखे गए।
- मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
दो भगदड़ में 30 लोगों की मौत
प्रयागराज में महा कुंभ के दौरान बुधवार को दो भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। पहली भगदड़ संगम नोज पर हुई, जबकि दूसरी झूसी में हुई। झूसी, संगम नोज से महज 2 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने बताया कि 30 मृतकों में दोनों स्थानों के शव शामिल हैं।
झूसी में हुई भगदड़ की जानकारी देर से सामने आई
झूसी में हुई भगदड़ के बारे में जानकारी देर से सामने आई। द लल्लनटॉप के पत्रकार अभिनव पांडे और मोहन कनोजिया ने झूसी स्थल से रिपोर्टिंग की। उन्होंने बताया कि भगदड़ के बाद कपड़े, जूते और बोतलों के ढेर देखे गए। ट्रैक्टरों से इन्हें हटाया गया।
आंखों देखा हाल बयां करते गवाह
झूसी के हल्दीराम कियोस्क की नेहा ओझा ने बताया, “यहां शव पड़े थे, लेकिन कोई उनके बारे में पूछताछ नहीं कर रहा था। सुबह दम घुटने से मरने वालों को दोपहर तक ले जाया गया। पुलिस ने वीडियो बनाने से लोगों को रोका।”
भगदड़ के दौरान की अफरातफरी
झूसी में भगदड़ के दौरान अफरातफरी का माहौल था। एक गवाह हर्षित ने बताया, “भीड़ इतनी ज्यादा थी कि बैरिकेड्स टूट गए। लोग आगे बढ़ने लगे। कई लोग सो रहे थे, और रास्ते बंद थे।”
मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु
मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इस दिन दूसरा शाही स्नान भी था। अनुमान है कि 5.5 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- प्रयागराज में महा कुंभ के दौरान दो भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई।
- पहली भगदड़ संगम नोज पर हुई, जबकि दूसरी झूसी में हुई।
- झूसी में हुई भगदड़ के बारे में जानकारी देर से सामने आई।
- भगदड़ के बाद कपड़े, जूते और बोतलों के ढेर देखे गए।
- मौनी अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।
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