महाराष्ट्र मतदान २०२३: क्या शहरी उदासीनता फैसला करेगी?

आख़िर तक
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महाराष्ट्र मतदान २०२३: क्या शहरी उदासीनता फैसला करेगी?

महाराष्ट्र मतदान: 4,136 उम्मीदवार, 288 सीटें और शहरी उदासीनता का सवाल

आखिर तक – संक्षेप में

  • २० नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है।
  • २८८ सीटों के लिए ४,१३६ उम्मीदवार मैदान में हैं।
  • शहरी मतदाताओं की उदासीनता एक बड़ी चुनौती है।
  • सत्तारूढ़ महायुती (NDA) और विपक्षी महाविकास आघाड़ी (INDIA) दोनों ही १७० से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।
  • चुनाव परिणाम २३ नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

आखिर तक – विस्तार से

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महाराष्ट्र में २० नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में हर सीट अत्यंत महत्वपूर्ण है। २८८ सीटों के लिए ४,१३६ उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें लगभग आधे स्वतंत्र उम्मीदवार हैं। सत्तारूढ़ महायुती (NDA) और विपक्षी महाविकास आघाड़ी (INDIA) दोनों ही १७० से ज़्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। लेकिन राजनीतिक गतिविधियों के परे एक महत्वपूर्ण सवाल है: क्या शहरी केंद्र मतदाताओं की उदासीनता को दूर कर पाएंगे, या कम मतदान फिर से इन महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों के परिणाम को प्रभावित करेगा?

महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य: २०१४ में कांग्रेस के तेज गिरावट के बाद से, किसी भी एक पार्टी ने उस शून्य को भरने में कामयाबी नहीं पाई है। गुजरात या राजस्थान जैसे राज्यों के विपरीत, जहाँ चुनाव अक्सर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधे मुकाबले होते हैं, महाराष्ट्र की खंडित राजनीति एक अलग कहानी कहती है।

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शहरी मतदाताओं की उदासीनता: मुंबई, नागपुर और पुणे जैसे शहरों में औसत से कम मतदान होता है, जिससे महत्वपूर्ण परिणाम कम मतदाताओं के हाथों में रह जाते हैं। २०१९ के विधानसभा चुनाव में, ६४ शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में से ६२ में राज्य के औसत से कम मतदान हुआ था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा चुनावों में भी इसी तरह की प्रवृत्ति को बताया था। मुंबई जैसे महानगर में भी मतदान प्रतिशत ५०% से अधिक नहीं पहुंच पाता।

संख्याओं में:

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महाराष्ट्र में १३ विधानसभा चुनावों में औसत मतदान ६२.२% रहा है। सबसे अधिक मतदान १९९५ में ७१.६% था, जबकि सबसे कम १९८० में ५३.३% था।

प्रमुख दलों का प्रदर्शन:

भाजपा १४९ सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसके बाद शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ८१ सीटों पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ५९ सीटों पर। विपक्ष की ओर से, कांग्रेस ने १०१ उम्मीदवार उतारे हैं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ९५ सीटों पर और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ८६ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

बसपा २३७ सीटों और एआईएमआईएम १७ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

चुनाव का महत्व:

कांग्रेस के लिए, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक निर्णायक क्षण है। इसका परिणाम INDIA विपक्षी गठबंधन के लिए एक कसौटी होगी, जिसमें प्रमुख सहयोगी उद्धव ठाकरे और शरद पवार राहुल गांधी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यहाँ एक मजबूत प्रदर्शन गठबंधन की एकता को मजबूत कर सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी के लिए, यहाँ जीत इस साल लोकसभा में कम सीटें जीतने के बाद NDA की स्थिति को मजबूत करेगी। महाराष्ट्र का परिणाम सत्ता के संतुलन को आकार दे सकता है क्योंकि दोनों पक्ष इस उच्च दांव वाले चुनाव में प्रभुत्व के लिए लड़ रहे हैं।

इस भीड़भाड़ वाले मैदान में, गठबंधन, मतों का बंटवारा और स्वतंत्र उम्मीदवार इस उच्च दांव वाले चुनाव के परिणाम को आकार देने में निर्णायक साबित हो सकते हैं। २३ नवंबर को घोषित होने वाले परिणाम बताएंगे कि महाराष्ट्र के राजनीतिक परिणाम में ये गतिशीलता कैसे काम करती है।

याद रखने योग्य मुख्य बातें:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ४,१३६ उम्मीदवारों ने २८८ सीटों के लिए चुनाव लड़ा है। शहरी मतदाताओं की उदासीनता एक बड़ी चुनौती है, जिसका चुनाव परिणाम पर प्रभाव पड़ सकता है। NDA और INDIA दोनों ही चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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