आख़िर तक – इन शॉर्ट्स
- कांग्रेस के 10 मौजूदा विधायक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से बाहर किए जा सकते हैं।
- आंतरिक सर्वेक्षण में विधायकों के प्रति भारी असंतोष सामने आया, पार्टी कर रही बदलाव।
- सीट बंटवारे पर कांग्रेस और शिवसेना (UBT) में अब भी मतभेद बरकरार।
आख़िर तक – इन डेप्थ
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही, कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर ली है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कम से कम 10 मौजूदा विधायकों को आगामी चुनावों में टिकट नहीं देने की योजना बना रही है। यह फैसला एक आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर लिया गया है, जिसमें 20% से अधिक लोगों ने इन विधायकों के प्रति असंतोष व्यक्त किया।
दिल्ली स्थित कांग्रेस के उच्च नेतृत्व ने महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं से इस निर्णय पर मंथन करने और संभावित बगावत को शांत करने के सुझाव मांगे हैं। पार्टी का इरादा है कि इन विधायकों को महाराष्ट्र विधान परिषद में सीटें दी जाएं, ताकि संगठन में एकता बनी रहे और चुनावों से पहले कोई विवाद न हो।
कांग्रेस की इस कदम के पीछे मुख्य कारण एंटी-इनकम्बेंसी को टालना और नई चेहरे लाकर चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। पार्टी पिछले दो वर्षों से विपक्ष में है, जब महा विकास आघाड़ी सरकार का पतन हुआ था। 2019 के चुनावों में कांग्रेस ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीती थीं, और अब पार्टी लगभग 100 सीटों की मांग कर रही है, जो शिवसेना (UBT) और एनसीपी के साथ गठबंधन की बातचीत का हिस्सा है।
हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के बीच अब भी गतिरोध बना हुआ है। वहीं, चुनाव आयोग आज महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने वाला है, जिससे राज्य में चुनावी हलचल तेज हो जाएगी।
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