आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद सीएम एन. बीरेन सिंह के आवास सहित कई मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला।
- जिरीबाम में छह लोगों के शव मिलने के बाद तनाव बढ़ा, हिंसक प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की।
- सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू लगाया और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कीं।
- राज्य ने केंद्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) हटाने की मांग की।
- कांग्रेस नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर मणिपुर की हिंसा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
आखिर तक – इन डेप्थ
मणिपुर में हिंसा ने फिर पकड़ी रफ्तार
मणिपुर में शनिवार को जिरीबाम में छह लापता लोगों के शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला किया, जिनमें सीएम एन. बीरेन सिंह के दामाद का घर भी शामिल था। प्रदर्शनकारियों ने कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया।
सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थोउबाल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया। साथ ही सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं दो दिन के लिए बंद कर दी गईं।
AFSPA की वापसी का विरोध
मणिपुर सरकार ने केंद्र से AFSPA को हटाने की मांग की। केंद्र ने हाल ही में जिरीबाम समेत छह पुलिस थानों के क्षेत्रों में AFSPA दोबारा लागू किया था।
गिरफ्तारी और दावे
पुलिस ने हिंसा में शामिल 23 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से हथियार और मोबाइल फोन बरामद किए। इसके साथ ही, कोऑर्डिनेटिंग कमिटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने 24 घंटे के भीतर हिंसा पर सख्त कदम उठाने की मांग की।
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस नेताओं ने मणिपुर की स्थिति को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर मणिपुर में हिंसा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
याद रखने योग्य मुख्य बातें
- मणिपुर में हिंसा से तनाव बढ़ा।
- AFSPA को हटाने की मांग तेज़।
- कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
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