आख़िर तक – एक नज़र में
- प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को व्यक्तिगत पत्र लिखा।
- विदेश मंत्री एस जयशंकर यह पत्र विशेष दूत के रूप में लेकर गए।
- पत्र ट्रम्प के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के अवसर पर भेजा गया।
- भारतीय दूत विशेष रूप से वैश्विक नेताओं की शपथ ग्रहण में भाग लेते रहे हैं।
- यह कदम भारत-अमेरिका रिश्तों की स्थिरता को दर्शाता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पीएम मोदी का व्यक्तिगत पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण पर एक व्यक्तिगत पत्र भेजा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विशेष दूत के रूप में ट्रम्प को यह पत्र सौंपा।
दूत के रूप में एस जयशंकर की भूमिका
जयशंकर, जो भारत के विदेश मंत्री हैं, ने वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रम्प के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत की यह परंपरा रही है कि वह वैश्विक नेताओं के शपथ ग्रहण समारोह में अपने विशेष दूत भेजता है।
बीते उदाहरण
भारत पहले भी अपने वरिष्ठ नेताओं को ऐसे अवसरों पर भेजता रहा है। उदाहरण के तौर पर:
- मई 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में भाग लिया।
- जुलाई 2024 में नितिन गडकरी ने ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया।
- नवंबर 2023 में किरेन रिजिजू ने मालदीव के राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
भारत-अमेरिका संबंधों का संदेश
पीएम मोदी द्वारा यह पत्र और विशेष दूत की नियुक्ति भारत-अमेरिका के स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंधों की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- पीएम मोदी का पत्र ट्रम्प के लिए था।
- एस जयशंकर ने पत्र सौंपा।
- यह भारत की परंपरागत विदेश नीति का हिस्सा है।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.