आख़िर तक – एक नज़र में
सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल के बच्चे की कस्टडी की मांग पर नानी को अजनबी बताया।
बच्चे के पिता, अतुल सुभाष, ने पिछले महीने आत्महत्या की थी।
अतुल की पत्नी निकिता और उनके परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
बच्चा वर्तमान में हरियाणा के फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में है।
मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
पृष्ठभूमि: क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 4 साल के बच्चे की कस्टडी पर सुनवाई की। यह मामला तब शुरू हुआ जब अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की कस्टडी के लिए याचिका दायर की।
अतुल सुभाष, जो एक बेंगलुरु स्थित टेक विशेषज्ञ थे, ने पिछले महीने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंगानिया और ससुरालवालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
निकिता के वकील ने खुलासा किया कि बच्चा हरियाणा के फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में है। उन्होंने बताया कि निकिता ने बच्चे को अपनी कस्टडी में ले लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे की नानी, अंजू देवी, उसके लिए “अजनबी” हैं। अदालत ने कहा कि बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहना चाहिए और अगर यह संभव न हो, तो कम से कम एक माता-पिता के पास।
मीडिया ट्रायल पर सुप्रीम कोर्ट का रुख
अदालत ने मीडिया ट्रायल के प्रभाव को खारिज करते हुए कहा, “यह अदालत का मामला है, जहां दोष सिद्ध या खारिज किया जाता है।”
अगली सुनवाई की तारीख
अदालत ने बच्चे को अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की नानी को कस्टडी देने से इंकार किया।
- अदालत ने कहा कि बच्चा नानी के लिए अजनबी है।
- बच्चे की अगली पेशी 20 जनवरी को होगी।
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