आख़िर तक – एक नज़र में
- ओमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की तारीफ की और जम्मू-कश्मीर में उनके प्रयासों को सराहा।
- उन्होंने जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष चुनावों की सराहना की।
- ओमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के खिलाफ टिप्पणी करते हुए गठबंधन पर सवाल उठाए।
- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने राज्य की राज्याधिकार बहाली की उम्मीद जताई।
- अब्दुल्ला ने नरेंद्र मोदी को कश्मीर में फिर से स्वागत करने की उम्मीद जताई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
ओमर अब्दुल्ला का पीएम मोदी पर प्रभावशाली बयान
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, खासकर उनके कामों को लेकर, जो दिल्ली और श्रीनगर के बीच का भौतिक और मानसिक अंतर पाटने के लिए किए गए। यह बयान मोदी के उन वादों के संदर्भ में आया था, जिन्हें उन्होंने जम्मू और कश्मीर में होने वाली सामाजिक और भौतिक दूरियों को समाप्त करने के रूप में दिया था। अब्दुल्ला ने इसे एक सार्थक प्रयास के रूप में माना, जिससे जम्मू और कश्मीर की स्थिति में सुधार आ रहा है।
निर्वाचन प्रणाली पर मोदी की भूमिका की सराहना
अब्दुल्ला ने विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में निष्पक्ष चुनावों का समर्थन किया, जिसे पीएम मोदी और उनके सहयोगियों द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया। उन्होंने यह कहते हुए उनका शुक्रिया अदा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी और कश्मीर में लोकतंत्र का विश्वास कायम किया, जिससे कोई भी सत्ता का दुरुपयोग नहीं हुआ। उनका यह बयाना राजनीति में नई दिशा का संकेत है।
कांग्रेस और राष्ट्रीय सम्मेलन के बीच गहरे मतभेद
ओमर अब्दुल्ला की टिप्पणियाँ महज प्रधानमंत्री मोदी की सराहना तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने अपनी आलोचनाओं के कारण कांग्रेस को भी संज्ञान में लिया और यह साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस को अब अपनी भूमिका की सफाई देनी चाहिए। जम्मू और कश्मीर में पिछले चुनाव में उन्होंने यह बताया कि उनकी पार्टी को बिना कांग्रेस के भी सीटें जीत सकती थीं। उनके द्वारा गठबंधन को लेकर जारी साक्षात्कारों में अब्दुल्ला ने आगे भी कांग्रेस की अनदेखी को दर्शाया और गठबंधन की जरूरत पर सवाल उठाए।
कांग्रेस की आलोचना: गठबंधन की स्थिरता पर सवाल
अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस का नेतृत्व और सहयोग के बिनाह पर हुआ गठबंधन अब काम नहीं कर पा रहा है। उनका मानना था कि कांग्रेस को अपने नेतृत्व का मूल्यांकन करना चाहिए और उसे किसी एकमत बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी केवल अपनी सीटें और अधिकारियों के हिस्से के लिए इस गठबंधन में जुड़ी हुई है, जिससे लंबे समय तक इस गठबंधन की स्थिरता बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
ओमर अब्दुल्ला द्वारा पीएम मोदी की तारीफ और कांग्रेस पर उठाए गए सवालों से यह जाहिर होता है कि जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक समीकरण में बदलाव हो सकता है। अब्दुल्ला ने मोदी की प्रगति और चुनावों की निष्पक्षता की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से इसके नेतृत्व की भूमिका स्पष्ट करने की मांग की। इन बयानों से भारतीय राजनीति के भीतर उत्पन्न हो रहे बदलावों को देखा जा सकता है।
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