आख़िर तक – एक नज़र में
- पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति बताया।
- पहलगाम हमले के जवाब में की गई यह कार्रवाई अब ‘नया सामान्य’ है।
- भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी, परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।
- पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम हुआ, भारत ने भारी नुकसान पहुंचाया था।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर महत्वपूर्ण बातें कहीं। यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के प्रति भारत की प्रतिक्रिया थी। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति है। यह कोई एक बार की कार्रवाई नहीं है। यह अब भारत का ‘नया सामान्य’ बन गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंकवाद के खिलाफ नई सामान्य स्थिति
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक घटना नहीं है। यह आतंकवाद से निपटने का भारत का नया तरीका है। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि देश परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति है, नया सामान्य है।” पीएम मोदी ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए किसी भी हमले का ठोस सैन्य जवाब दिया जाएगा।
पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाया था। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने इस्लामाबाद के आतंकी शिविरों और सैन्य स्थलों पर अपना अभियान केवल रोका है, खत्म नहीं किया है। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान को केवल स्थगित रखा है और भविष्य उनके व्यवहार पर निर्भर करेगा।” यह भारत की रणनीतिक सोच में एक निर्णायक बदलाव का संकेत है। सरकार ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि भारतीय धरती पर भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकी हमले को “युद्ध का कार्य” माना जाएगा और उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा।
परमाणु ब्लैकमेल नहीं सहेंगे
बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भारत का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने साफ कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। साथ ही “पानी और खून” एक साथ नहीं बह सकते। यह संभवतः सिंधु जल संधि (IWT) का संदर्भ था, जिसे भारत ने पहलगाम हमले के बाद निलंबित कर दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। पीएम मोदी ने कहा, “पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद पर केंद्रित होगी। अगर बातचीत होती है, तो वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के बारे में होगी और कुछ नहीं।”
युद्धविराम कैसे हुआ?
भारत और पाकिस्तान 10 मई को युद्धविराम पर सहमत हुए थे। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 9 आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था, जिसमें 100 आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने सीमावर्ती राज्यों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। जवाब में भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों पर भारी बमबारी की। प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि युद्धविराम समझौता कैसे हुआ। उन्होंने बताया कि हताश पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए भारत से संपर्क किया था। पीएम ने कहा, “पहले तीन दिनों में ही भारत ने पाकिस्तान को इतना भारी नुकसान पहुंचाया कि वे पूरी तरह से हैरान रह गए। पूरी तरह हारने के बाद, पाकिस्तानी सेना हमारे डीजीएमओ से संपर्क करने के लिए मजबूर हुई। तब तक, हम पहले ही आतंकवादी ढांचे के बड़े हिस्से को नष्ट कर चुके थे और कई आतंकवादियों को खत्म कर चुके थे।”
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ भारत की घोषित नई नीति और ‘नया सामान्य’ है।
- भारत अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया देगा।
- पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।
- आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं; भविष्य की वार्ता केवल PoK पर होगी।
- भारी सैन्य क्षति के बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम लागू हुआ।
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