आख़िर तक – एक नज़र में
- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में एक आतंकी बैठक में हमास ने भाग लिया।
- जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर भी मौजूद थे।
- यह बैठक कश्मीर एकजुटता के नाम पर आयोजित की गई थी।
- हमास के प्रतिनिधि डॉ. खालिद अल-कद्दूमी ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
- यह घटना पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से गहरे संबंधों को उजागर करती है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडरों ने हमास के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) में एक आतंकी नेताओं के सम्मेलन में भाग लिया। यह घटना पाकिस्तान के वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ गहरे संबंधों को और मजबूत करती है। पाकिस्तान 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाता है, जिसे भारत विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रचार अभ्यास के रूप में देखा जाता है। PoK में आतंकी बैठक भारत के लिए चिंता का विषय है।
“कश्मीर एकजुटता और हमास ऑपरेशन ‘अल अक्सा फ्लड’ सम्मेलन” नामक यह कार्यक्रम रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में हुआ। मुख्य प्रतिभागियों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई तलहा सैफ, जैश कमांडर असगर खान कश्मीरी और मसूद इलियास और LeT के शीर्ष नेता शामिल थे। हमास की इस भागीदारी से चिंता बढ़ी है।
ईरान में हमास के प्रतिनिधि डॉ. खालिद अल-कद्दूमी ने भी बैठक में भाग लिया, जो PoK की हमास नेता की पहली यात्रा है। हमास से जुड़े कई अन्य फ़िलिस्तीनी नेता भी मौजूद थे। अल-कद्दूमी ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ एक अलग बैठक भी की। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
इस घटनाक्रम से पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के प्रायोजक के रूप में भूमिका उजागर होती है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा दोनों ने 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमलों और 2019 के पुलवामा बम विस्फोट सहित भारतीय धरती पर कई हमले किए हैं। PoK में आतंकी बैठक चिंताजनक है।
PoK में एक आधिकारिक कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति “कश्मीर एकजुटता” के बहाने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लगातार आश्रय देने और बढ़ावा देने को उजागर करती है। हमास का इस बैठक में भाग लेना पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंधों का प्रमाण है।
हमास, एक फ़िलिस्तीनी आतंकवादी संगठन है जो हाल ही में इज़राइल के साथ युद्ध में शामिल था, उसने काफी हद तक अपनी गतिविधियों को मध्य पूर्व तक ही सीमित रखा है। हालाँकि, पाकिस्तान समर्थित सम्मेलन में इसकी भागीदारी इसके प्रभाव के विस्तार और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ बढ़ते संबंधों का संकेत देती है। यह क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की सक्रिय भागीदारी को भी दर्शाता है। पाकिस्तान की भूमिका संदिग्ध है।
हमास नेताओं ने पहले भी कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में बात की है। खुफिया सूत्रों ने पहले भी दक्षिण एशिया में कट्टरपंथी तत्वों के साथ हमास की संभावित भागीदारी की चेतावनी दी थी। PoK में आतंकी बैठक एक गंभीर मुद्दा है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में एक आतंकी बैठक में हमास ने भाग लिया। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर भी मौजूद थे। यह घटना पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से गहरे संबंधों को उजागर करती है। हमास की भागीदारी चिंताजनक है।
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