आख़िर तक – एक नज़र में
- प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने गांधी मैदान में धरना स्थल से गिरफ्तार किया।
- वे बिहार परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।
- पुलिस ने उन्हें एंबुलेंस में AIIMS पटना ले जाया और कोर्ट में पेश करने का कहा।
- जिला प्रशासन ने प्रदर्शन को “अवैध” बताते हुए FIR दर्ज की।
- BPSC ने विवादित परीक्षा के पुन:परीक्षण की व्यवस्था की और वह शांतिपूर्वक सम्पन्न हुई।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
घटना का सारांश
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 2 जनवरी से अनशन पर थे। 8 जनवरी की सुबह पटना पुलिस ने उन्हें गांधी मैदान से हटा दिया। उन्हें AIIMS, पटना ले जाया गया और बाद में कोर्ट में पेश करने की योजना है।
गिरफ्तारी की वजह
पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर और उनके 150 समर्थकों पर FIR दर्ज कर उन्हें गांधी मैदान में धरना देने के लिए “अवैध” घोषित किया। प्रशासन ने कहा कि पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार गांधी मैदान में धरना नहीं दिया जा सकता।
BPSC विवाद की पृष्ठभूमि
13 दिसंबर को हुई 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप लगे। BPSC ने 4 जनवरी को पुन:परीक्षा आयोजित की, जिसमें 22 केंद्रों पर 5,943 अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रही।
प्रशांत किशोर का बयान
गिरफ्तारी के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी हाईकोर्ट में 9 जनवरी को परीक्षा रद्द करने की याचिका दायर करेगी। उन्होंने प्रदर्शन जारी रखने का संकेत दिया।
प्रशासनिक कार्रवाई
पुलिस ने गांधी मैदान में वाहन चेकिंग अभियान चलाया और वहां से हटाए गए लोगों पर नजर रखी। JD(U) ने किशोर पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- प्रशांत किशोर ने परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अनशन किया।
- प्रशासन ने प्रदर्शन को गैरकानूनी बताया और FIR दर्ज की।
- BPSC ने पुन:परीक्षा को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बताया।
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