आख़िर तक – एक नज़र में
- बिहार में BPSC अभ्यर्थियों के प्रदर्शन ने जोर पकड़ा है।
- प्रशांत किशोर और अन्य पर प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगा है।
- गांधी मैदान में छात्रों ने पुनः परीक्षा की मांग की।
- प्रशासन ने प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से इनकार किया था।
- मामले की जांच जारी, 600 से अधिक अज्ञात लोगों पर केस दर्ज।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
BPSC अभ्यर्थियों का आंदोलन क्यों हुआ शुरू?
13 दिसंबर से बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में भ्रष्टाचार और पेपर लीक के आरोप लग रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र देर से दिए गए और उत्तर पुस्तिकाएं क्षतिग्रस्त थीं। इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए।
प्रशांत किशोर पर क्या हैं आरोप?
पुलिस के अनुसार, प्रशांत किशोर और उनके दल ने छात्रों को उकसाकर गांधी मैदान में प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। प्रशासन ने पहले ही इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। फिर भी, रविवार को छात्रों की बड़ी भीड़ जमा हुई, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ गई।
मामले में कौन-कौन हैं आरोपी?
मामले में प्रशांत किशोर, जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती, और अन्य लोगों सहित 600 अज्ञात व्यक्तियों पर भी केस दर्ज किया गया है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने सरकार और प्रशांत किशोर दोनों की आलोचना की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भटकाने का आरोप लगाया और उनकी मांगों को समर्थन देने की बात कही।
क्या हो सकती है अगली कार्रवाई?
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छात्रों के समर्थन की बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार में परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- BPSC परीक्षा में अनियमितताओं ने छात्रों को सड़कों पर ला दिया।
- प्रशांत किशोर पर प्रदर्शन को भड़काने का केस दर्ज।
- प्रशासन ने प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से इनकार किया था।
- तेजस्वी यादव ने भी आंदोलन का समर्थन किया।
- छात्रों की मांग है कि परीक्षा रद्द की जाए।
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