प्रशांत किशोर को भूख हड़ताल के बाद जमानत, क्या था कारण?

आख़िर तक
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प्रशांत किशोर को भूख हड़ताल के बाद जमानत, क्या था कारण?

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. प्रशांत किशोर को बिहार में गांधी मैदान पर भूख हड़ताल करने के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार किया।
  2. उन्होंने BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग की थी, जिसमें सवालों के लीक होने के आरोप थे।
  3. उन्हें पटना सिविल कोर्ट ने 25,000 रुपये के व्यक्तिगत बांड पर जमानत दी।
  4. किशोर ने जमानत की शर्तों को स्वीकार करने से मना कर दिया, जिससे उन्हें जेल जाने का खतरा हो सकता है।
  5. बिहार प्रशासन ने कहा कि गांधी मैदान पर धरना गैरकानूनी था, और किशोर पर FIR दर्ज की गई थी।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी

जन सुराज पार्टी के संस्थापक, प्रशांत किशोर, बीते सोमवार को पटना के गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर थे। वह बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) द्वारा आयोजित 70वें संयुक्त परीक्षा की रद्दीकरण की मांग कर रहे थे। दिसंबर में आयोजित BPSC परीक्षा में पेपर लीक होने के आरोप लगे थे, और किशोर की पार्टी इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए विशेष कार्रवाई की मांग कर रही थी।

पटना पुलिस की कार्रवाई

बिहार प्रशासन और पुलिस ने उनके आंदोलन को अवैध करार दिया। पटना के जिला अधिकारी, चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक, गांधी मैदान में किसी प्रकार के धरने की अनुमति नहीं थी। ऐसा आदेश पटना हाई कोर्ट से मिला था, जिसके बाद पुलिस ने शहरी नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की और प्रशांत किशोर और उनके 150 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जबर्दस्ती उन्हें स्थल से हटाकर एंबुलेंस से AIIMS भेजा। विरोध के दौरान, उनके समर्थकों ने ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए थे।

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जमानत की शर्तें

प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से 25,000 रुपये के व्यक्तिगत बांड पर जमानत मिली थी। हालांकि, उन्होंने जमानत की शर्तों को ठुकरा दिया था, जिससे उनपर जेल जाने की संभावना बन सकती है।

परीक्षा विवाद और अगली कार्रवाई

BPSC ने दिसंबर 13 को हुई परीक्षा के लिए 22 परीक्षा केंद्रों पर पुनः परीक्षा आयोजित की। इस बार 8,111 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया। 5,943 छात्रों ने पुनः परीक्षा में हिस्सा लिया और रिपोर्ट के अनुसार परीक्षा बिना किसी गड़बड़ी के शांतिपूर्वक हुई थी। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी अदालत में याचिका दायर करने जा रही है, जिसमें BPSC परीक्षा की रद्दीकरण की मांग की जाएगी।

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प्रशासन की प्रतिक्रिया

जन सुराज पार्टी के प्रमुख को गिरफ्तारी से पहले पटना प्रशासन ने एक FIR भी दर्ज की थी, जिसमें उन्हें नियमों का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया था। JD(U) प्रवक्ता, नीराज कुमार ने भी इस गिरफ्तारी पर बयान दिया और कहा कि प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में गैरकानूनी धरना दिया था। हालांकि, किशोर के समर्थक यह दावा करते हैं कि यह आंदोलन सही और महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए था।

निष्कर्ष

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और उनकी आगामी जमानत की कहानी बिहार की राजनीति और प्रशासन पर एक नई चर्चा को जन्म देती है। साथ ही, यह सवाल भी खड़ा करती है कि बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षाओं में सुधार के लिए और अधिक सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

प्रशांत किशोर का गांधी मैदान पर आयोजित भूख हड़ताल एक राजनीतिक हलचल का कारण बना। उन्होंने BPSC परीक्षा की रद्दीकरण की मांग की थी और अंततः जमानत मिली, लेकिन इसके बाद प्रशासन की प्रतिक्रियाएँ अहम बन सकती हैं। उनके अभियान को लेकर बिहार में राजनीतिक और प्रशासनिक चर्चाएँ तेजी से बढ़ी हैं।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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