आख़िर तक – एक नज़र में
- प्रियंका गांधी को ‘वन नेशन, वन पोल’ संसद पैनल में शामिल किए जाने की संभावना है।
- वे कांग्रेस की ओर से पैनल का हिस्सा बन सकती हैं, जिसमें मनीष तिवारी भी शामिल हैं।
- पैनल में 31 सदस्य होंगे और उन्हें बिलों की समीक्षा करने के लिए 90 दिन का समय मिलेगा।
- भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए यह बिल लोकसभा में 269 वोटों से पास हुए।
- विपक्ष ने इन बिलों का विरोध करते हुए इसे राज्यों की स्वायत्तता पर हमला बताया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
प्रियंका गांधी का संसद पैनल में शामिल होना संभव
देश में चुनावों के समय का समायोजन करने के लिए ‘वन नेशन, वन पोल’ (ONOE) बिल का प्रस्ताव पेश किया गया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और मनीष तिवारी इस विधेयक पर चर्चा और उसकी समीक्षा करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का हिस्सा बनने की संभावना है। प्रियंका गांधी, जो अपने पहले कार्यकाल में वायनाड सीट से चुनी गई थीं, ने हमेशा सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कई जनांदोलनों में भाग लिया है। उनके इस पैनल में शामिल होने से निश्चित रूप से कांग्रेस के दृष्टिकोण को संसद में विशेष महत्व मिल सकता है।
संविधान संशोधन विधेयक और इसके प्रभाव
मंगलवार को संविधान (एक सौ सत्ताइसवां संशोधन) बिल 2024 और केंद्रीय शासित क्षेत्र कानून (संशोधन) बिल 2024 पेश किए गए थे। ये विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की दिशा में हैं। विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इससे सत्ता का केन्द्रीयकरण होगा और राज्यों की स्वायत्तता का हनन होगा। कांग्रेस ने इसे राष्ट्रपति पद की सरकार की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया है।
संसदीय समिति की भूमिका और समीक्षा प्रक्रिया
संविधान संशोधन विधेयक और अन्य संबंधित बिलों की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय पैनल का गठन किया जाएगा। इसमें विभिन्न दलों के सदस्य होंगे जैसे कि जेडी(यू), समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, और शिवसेना के प्रतिनिधि। यह पैनल विधेयकों के असर पर चर्चा करेगा और यह तय करेगा कि क्या इन बदलावों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा या नहीं। पैनल को 90 दिनों में अपना रिपोर्ट तैयार करना होगा, हालांकि इसे और समय मिल सकता है।
विपक्ष का विरोध और अन्य दलों का समर्थन
विपक्ष ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र की प्रणाली के लिए खतरे के रूप में देखा। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इसे कांग्रेस के खिलाफ एक साजिश बताया, लेकिन कुछ अन्य दलों ने इसका समर्थन किया। विशेष रूप से, YSR कांग्रेस, BJD और AIADMK जैसे दलों ने ‘वन नेशन, वन पोल’ के पक्ष में खड़ा होने का निर्णय लिया, जिससे भाजपा को इस बिल को लागू कराने में सहायता मिली।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
‘वन नेशन, वन पोल’ बिल को लेकर प्रियंका गांधी की संसद पैनल में शामिल होने की संभावना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है। यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए पेश किया गया है, जिसे विपक्ष ने केंद्र में सत्ता के संकेंद्रण के रूप में देखा है। इस प्रस्ताव को लेकर जनता और राजनीतिक दलों में आक्रामक बहस चल रही है। पैनल के गठन के बाद इस मुद्दे पर और चर्चा की संभावना है।
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