आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने कनाडा के कानून और रक्षा बलों में खालिस्तानी तत्वों के प्रवेश का दावा किया है।
- उन्होंने कहा कि इन तत्वों ने कनाडा की संसद तक में अपनी पैठ बना ली है।
- कनाडा की राजनीति और विदेश नीति में इन प्रवासी समुदायों का बड़ा असर है।
आखिर तक – इन डेप्थ
भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा, जिन्हें हाल ही में दिल्ली बुलाया गया था, ने कहा कि खालिस्तानी तत्व कनाडा के कानून व्यवस्था और रक्षा बलों में बड़े स्तर पर प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने यह दावा किया कि कनाडा की संसद में भी खालिस्तानी समर्थक मौजूद हैं।
वर्मा ने यह बयान तब दिया जब कनाडा ने कहा कि वह हारदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में कुछ भारतीय राजनयिकों को संदेह के घेरे में रख रहा है। इसके बाद भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए वर्मा सहित कुछ और राजनयिकों को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को भारत से निष्कासित कर दिया।
वर्मा ने यह भी कहा कि कनाडा के कई सांसद सार्वजनिक रूप से भारत की संप्रभुता के खिलाफ बयान दे चुके हैं। यह खालिस्तानी प्रभाव इन सांसदों की समर्थन नीति में गहराई तक धंसा हुआ है, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है।
उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा की राजनीति और उसकी विदेश नीति में खालिस्तानी प्रवासी समुदायों का गहरा असर है, खासकर जब राजनीतिक नेता इन समुदायों का समर्थन प्राप्त करने के लिए उनकी नीतियों में शामिल होते हैं।
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