राज्यसभा सभापति हटाने की मुहिम: क्या है संभव?

आख़िर तक
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राज्यसभा सभापति हटाने की मुहिम: क्या है संभव?

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. विपक्ष ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
  2. धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैये के आरोप लगे हैं।
  3. सभापति को हटाने की प्रक्रिया संविधान में विस्तृत रूप से वर्णित है, जिसमें दोनों सदनों का समर्थन आवश्यक है।
  4. NDA के पास राज्यसभा और लोकसभा दोनों में बहुमत है, जिससे धनखड़ को हटाना मुश्किल लगता है।
  5. विपक्ष का यह कदम अधिकतर प्रतीकात्मक लगता है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को हटाने की मुहिम शुरू हो गई है। विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव 70 से ज़्यादा विपक्षी सांसदों द्वारा समर्थित है। लेकिन क्या उन्हें हटाना वाकई आसान होगा? संविधान में इस प्रक्रिया के लिए कठोर प्रावधान हैं।

विपक्ष के आरोप

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विपक्षी सांसदों ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और संसदीय मानदंडों का उल्लंघन करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने खासकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषणों में बार-बार रुकावट डालने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर्याप्त बहस करने से इनकार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने खड़गे के माइक्रोफोन को बंद करने के उदाहरणों का भी उल्लेख किया।

संविधान में प्रावधान

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राज्यसभा सभापति (उपराष्ट्रपति) को हटाने की प्रक्रिया राष्ट्रपति के महाभियोग से अलग है। संविधान के अनुच्छेद 67(b), 92 और 100 में यह प्रक्रिया विस्तार से बताई गई है। प्रस्ताव को राज्यसभा में पेश करने के लिए कम से कम 14 दिनों का नोटिस आवश्यक है। राज्यसभा में इसे पारित करने के लिए कुल सदस्य संख्या के बहुमत की आवश्यकता है। इसके बाद लोकसभा में साधारण बहुमत से पारित होना आवश्यक है। दोनों सदनों के पारित करने के बाद ही सभापति पद से हटते हैं।

संख्या बल

राज्यसभा में NDA के पास लगभग 125 सीटें हैं, जबकि विपक्ष के पास लगभग 112 सीटें हैं। लोकसभा में NDA के पास 293 सीटें हैं और विपक्ष के पास 238 सीटें हैं। इस प्रकार, धनखड़ को हटाना NDA के बहुमत के कारण बेहद मुश्किल लगता है।

निष्कर्ष

विपक्ष का यह कदम, भले ही महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाता है, लेकिन संख्या बल को देखते हुए यह अधिकतर प्रतीकात्मक लगता है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को हटाने का विपक्ष का प्रयास, संविधान में वर्णित कठोर प्रक्रिया और NDA के संख्या बल के कारण असफल होने की अधिक संभावना है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है जो राज्यसभा और लोकसभा दोनों में बहुमत के महत्व को दर्शाती है।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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