आख़िर तक – एक नज़र में
- डीजीसीए ने रक्षा हवाईअड्डों पर विमान खिड़की शेड बंद रखने का अहम डीजीसीए निर्देश जारी किया है।
- यह नियम विशेष रूप से पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित संवेदनशील हवाईअड्डों पर लागू होगा।
- टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान 10,000 फीट की ऊंचाई तक खिड़की शेड बंद रखना अनिवार्य।
- सैन्य अड्डों पर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
- इस कदम का मुख्य उद्देश्य विमानन सुरक्षा को बढ़ाना और संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
डीजीसीए का नया सुरक्षा निर्देश: खिड़की शेड बंद
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक महत्वपूर्ण डीजीसीए निर्देश जारी किया है। इसके तहत सभी वाणिज्यिक एयरलाइनों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रक्षा हवाईअड्डों पर विमान की खिड़कियों के शेड उड़ान भरने और उतरने के दौरान बंद रहें। यह नियम विशेष रूप से पश्चिमी सीमा, यानी पाकिस्तान सीमा के पास स्थित हवाईअड्डों के लिए कड़ाई से लागू होगा। यह कदम हालिया सुरक्षा परिदृश्यों को देखते हुए उठाया गया है।
नियम की बारीकियां और अपवाद
यह नियम तब तक लागू रहेगा जब तक विमान उड़ान भरने के बाद 10,000 फीट की ऊंचाई तक नहीं पहुंच जाता। इसी प्रकार, लैंडिंग के दौरान जब विमान इस ऊंचाई तक नीचे आ जाएगा, तब भी शेड बंद रखने होंगे। विमानन नियामक ने स्पष्ट किया है कि इस नियम का एकमात्र अपवाद आपातकालीन निकास पंक्तियों (इमरजेंसी एग्जिट रो) पर लागू होगा। वहां खिड़की शेड खुले रखे जा सकते हैं। यह डीजीसीए निर्देश उन दोहरे उपयोग वाले हवाईअड्डों पर लागू होता है जो नागरिक और सैन्य दोनों तरह के अभियानों के लिए काम करते हैं। यह फैसला भारत की पश्चिमी सीमाओं पर पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण शत्रुता देखे जाने के कुछ दिनों बाद आया है।
फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी पर भी सख्त पाबंदी
इसके अतिरिक्त, डीजीसीए ने एयरलाइनों से यात्रियों को सैन्य अड्डों पर उनके पारगमन (ट्रांजिट) के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर लगे प्रतिबंध के बारे में सचेत करने को भी कहा है। बयान में कहा गया है, “ऑपरेटरों को गैर-अनुपालन के संभावित परिणामों के बारे में भी सूचित करना चाहिए। इसमें लागू सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार नियामक या कानूनी कार्रवाई शामिल है।” इस डीजीसीए निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
एयरलाइनों के लिए अनिवार्य घोषणाएं और एसओपी
एयरलाइनों को उड़ान भरने से पहले और लैंडिंग से पहले अनिवार्य घोषणाएं करने का निर्देश दिया गया है। इन घोषणाओं में यात्रियों को खिड़की के शेड बंद करने और रिकॉर्डिंग के लिए कैमरे या फोन का उपयोग न करने का निर्देश देना होगा। इसके अलावा, डीजीसीए ने सभी ऑपरेटरों से रक्षा हवाईअड्डों से संचालन करते समय सुरक्षा जोखिमों के प्रबंधन के लिए अपनी मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार करने को कहा है। यह विमानन सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
निर्देश का उद्देश्य: परिचालन सुरक्षा बढ़ाना
डीजीसीए निर्देश में कहा गया है कि ये दिशानिर्देश “परिचालन सुरक्षा” बढ़ाने के लिए जारी किए गए हैं। साथ ही, इसका उद्देश्य “जनता द्वारा सुरक्षा-संबंधी जानकारी के अनजाने साझाकरण” को रोकना भी है। संवेदनशील सैन्य ठिकानों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
प्रभावित होने वाले प्रमुख हवाईअड्डे
जिन हवाईअड्डों पर इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना है, उनमें लेह, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, आदमपुर, चंडीगढ़, बठिंडा, जैसलमेर, नाल, जोधपुर, हिंडन, आगरा, कानपुर, बरेली, महाराजपुर, गोरखपुर, भुज, लोहेगांव, गोवा (डाबोलिम), और विशाखापत्तनम (विजाग) शामिल हैं। ये सभी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रक्षा हवाईअड्डे हैं।
पृष्ठभूमि: ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पर तनाव
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सशस्त्र बलों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने के बाद पश्चिमी सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता का केंद्र बन गई थी। इस तनाव के बीच, उत्तर, मध्य और पश्चिमी भारत में 32 हवाईअड्डों को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इनमें कई संवेदनशील रक्षा हवाईअड्डे भी शामिल थे। हालांकि, अब परिचालन फिर से शुरू हो गया है, लेकिन सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं। यह नया डीजीसीए निर्देश इन्हीं चिंताओं के मद्देनजर जारी किया गया है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- डीजीसीए निर्देश के अनुसार, रक्षा हवाईअड्डों पर उड़ान भरने और लैंडिंग के समय विमान खिड़की शेड बंद रहेंगे।
- यह नियम विशेषकर पाकिस्तान सीमा के पास के सैन्य हवाईअड्डों पर सख्ती से लागू होगा।
- 10,000 फीट की ऊंचाई तक टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान खिड़की शेड बंद रखना अनिवार्य है, आपातकालीन निकास को छोड़कर।
- सैन्य हवाईअड्डों पर यात्रियों द्वारा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पूर्णतः प्रतिबंधित है।
- इस कदम का उद्देश्य विमानन सुरक्षा को सुदृढ़ करना और संवेदनशील जानकारी की गोपनीयता बनाए रखना है।
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