आख़िर तक – एक नज़र में
- राम गोपाल वर्मा चेक बाउंस मामले में दोषी करार दिए गए।
- कोर्ट ने तीन महीने की साधारण जेल की सजा सुनाई।
- कोर्ट में अनुपस्थित रहने पर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया।
- वर्मा को तीन महीने में 3.72 लाख रुपये मुआवजा चुकाने का आदेश मिला।
- आदेश न मानने पर तीन महीने अतिरिक्त जेल की सजा हो सकती है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
कोर्ट ने सुनाई सजा
बॉलीवुड निर्देशक राम गोपाल वर्मा चेक बाउंस मामले में दोषी करार दिए गए। मुंबई के अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की साधारण जेल की सजा सुनाई। चेक बाउंस केस के फैसले के दिन वर्मा कोर्ट में उपस्थित नहीं थे, जिससे कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया।
मामले का इतिहास
यह मामला वर्मा की कंपनी द्वारा 2018 में शशि नामक कंपनी को दिए गए चेक के बाउंस होने का है। शिकायतकर्ता महेशचंद्र मिश्रा ने केस दर्ज करवाया। सात साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने वर्मा को दोषी ठहराया।
कोविड-19 और आर्थिक समस्याएँ
वर्मा ने “सत्या,” “रंगीला,” और “सरकार” जैसी सफल फिल्में बनाई हैं, लेकिन हाल के सालों में उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें अपना ऑफिस भी बेचना पड़ा।
कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने वर्मा को शिकायतकर्ता को तीन महीने के भीतर 3.72 लाख रुपये का मुआवजा चुकाने का आदेश दिया। आदेश न मानने की स्थिति में उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी।
आगे की प्रक्रिया
कोर्ट के मजिस्ट्रेट वाईपी पुजारी ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी ने ट्रायल के दौरान हिरासत में समय नहीं बिताया है, इसलिए “सेट-ऑफ” का प्रश्न ही नहीं उठता।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- राम गोपाल वर्मा चेक बाउंस केस में दोषी करार।
- 3.72 लाख रुपये का मुआवजा और गैर-जमानती वारंट।
- कोविड-19 के दौरान वर्मा की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई।
- बॉलीवुड में सफलताओं के बावजूद वर्मा विवादों में रहे।
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