आख़िर तक – एक नज़र में
- डेनमार्क-स्वीडिश दक्षिणपंथी नेता रासमस पलुदान ने तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाया।
- यह कदम सलवान मोमिका की हत्या के बाद उनकी श्रद्धांजलि के रूप में उठाया गया।
- सलवान मोमिका एक ईसाई मिलिशिया नेता थे, जिन्होंने स्वीडन में शरण ली थी और इस्लाम के खिलाफ अभियान चलाया था।
- पलुदान पर कई देशों में प्रतिबंध लगाया गया है और उन्हें नस्लवाद व मानहानि के आरोपों में दोषी ठहराया गया है।
- उनके इस कदम से उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा बढ़ गया है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
रासमस पलुदान ने तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाया
डेनमार्क-स्वीडिश दक्षिणपंथी नेता रासमस पलुदान, जो अपने इस्लाम विरोधी विचारों के लिए जाने जाते हैं, ने डेनमार्क में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाया। उन्होंने इसे सलवान मोमिका को श्रद्धांजलि बताया, जिन्हें हाल ही में स्वीडन में गोली मार दी गई थी। इस घटना से यूरोप में इस्लाम विरोधी गतिविधियों और धार्मिक असहिष्णुता पर बहस तेज हो गई है।
सलवान मोमिका कौन थे?
सलवान मोमिका इराक के ईसाई मिलिशिया नेता थे, जिन्होंने स्वीडन में शरण ली थी। वे इस्लाम के कट्टर आलोचक थे और सार्वजनिक रूप से कुरान जलाने के कारण विवादों में रहे। उनकी हत्या 30 जनवरी को हुई, जिससे इस्लाम-विरोधी प्रचारकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई।
पलुदान की प्रतिक्रिया और विवादित बयान
पलुदान ने कहा, “मैं तुर्की दूतावास के सामने कुरान जला रहा हूं, यह सलवान मोमिका के बलिदान और इस्लाम के प्रति उनकी आलोचना को श्रद्धांजलि है।” उन्होंने इस्लाम को पश्चिमी मूल्यों के लिए खतरा बताया और कहा कि मुस्लिम समाज और यूरोपीय देशों के बीच सामंजस्य असंभव है।
पलुदान का अतीत और कानूनी विवाद
रासमस पलुदान डेनमार्क और स्वीडन दोनों में विवादास्पद शख्सियत रहे हैं। उन्होंने कई बार कुरान जलाने के प्रदर्शन किए हैं, जिनसे हिंसक दंगे भड़क चुके हैं। डेनमार्क में उन्हें नस्लवाद और मानहानि के मामलों में दोषी ठहराया गया है। स्वीडन और बेल्जियम समेत कई देशों ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यूरोप में बढ़ता इस्लाम विरोध और राजनीतिक प्रभाव
यूरोप में इस्लाम विरोधी विचारधारा हाल के वर्षों में बढ़ी है। पलुदान जैसे नेताओं को कुछ दक्षिणपंथी गुटों का समर्थन मिलता है, लेकिन व्यापक रूप से उनकी आलोचना की जाती है। उनके हालिया कदम से धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा की आशंका बढ़ गई है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- रासमस पलुदान ने डेनमार्क में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान जलाया।
- उन्होंने इसे सलवान मोमिका के प्रति श्रद्धांजलि बताया।
- पलुदान को नस्लवाद और मानहानि के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।
- स्वीडन और बेल्जियम सहित कई देशों में उन पर प्रतिबंध है।
- इस घटना से उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है।
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