आख़िर तक – एक नज़र में
- भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हमलों को खेदजनक बताया।
- उनकी यात्रा बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली उच्च स्तरीय कूटनीतिक बैठक थी।
- मिश्री ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं और सांस्कृतिक सहयोग पर जोर दिया।
- बांग्लादेश में हिंसा में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और धार्मिक हमलों पर चर्चा हुई।
- मिश्री ने भारत और बांग्लादेश के बीच स्थायी और लाभकारी संबंधों पर प्रकाश डाला।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
धार्मिक स्थलों पर हमले: विदेश सचिव का बयान
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बांग्लादेश दौरे के दौरान धार्मिक स्थलों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को खेदजनक बताया। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध लोगों की भलाई पर केंद्रित हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चर्चा
मिश्री ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों पर चर्चा की। उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मामले पर भी चिंता जताई।
द्विपक्षीय विकास पर जोर
भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार, जल, ऊर्जा और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा हुई। मिश्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की बात कही।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मामला
हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में ढाका हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें एक वकील की मौत हो गई।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमले भारत के लिए चिंता का विषय।
- विदेश सचिव ने विकास परियोजनाओं और सांस्कृतिक सहयोग पर जोर दिया।
- अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर दोनों देशों के बीच चर्चा।
- हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से विवाद बढ़ा।
- भारत ने बांग्लादेश के साथ स्थायी संबंधों की वकालत की।
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