आख़िर तक – एक नज़र में
- 76वें गणतंत्र दिवस परेड में कटवव्य पथ पर भारतीय सैन्य ताकत और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन हुआ।
- इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस भव्य आयोजन के मुख्य अतिथि रहे।
- 31 झांकियां, जिनमें सेना के अत्याधुनिक हथियार और महिला सशक्तिकरण की झलक दिखी।
- परेड का मुख्य आकर्षण था वायु सेना के 40 विमानों का फ्लाईपास्ट।
- सुरक्षा के लिए दिल्ली में छह स्तरीय व्यवस्था और 70,000 पुलिसकर्मी तैनात।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
गणतंत्र दिवस: नारी शक्ति और सैन्य शक्ति का उत्सव
भारत ने आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगुवाई में परेड शुरू हुई। इस बार आयोजन में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि रहे, जो 352 सदस्यीय इंडोनेशियाई बैंड के साथ आए।
परेड का भव्य आयोजन
परेड का आगाज़ प्रातः 10:30 बजे हुआ। कटवव्य पथ पर 16 राज्यों और 15 केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां पेश की गईं। ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ थीम के तहत झांकियां निकाली गईं। इनमें भारत के सांस्कृतिक वैभव और वैज्ञानिक ताकत की झलक दिखी।
सैन्य ताकत का प्रदर्शन
भव्य परेड में सेना के अत्याधुनिक उपकरण जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम और आकाश रक्षा प्रणाली को दिखाया गया। पहली बार ‘संजय’ बैटल सर्विलांस सिस्टम और ‘प्रलय’ मिसाइल ने परेड में जगह बनाई।
नारी शक्ति और विविधता की झलक
इस आयोजन में महिला सैन्य अधिकारियों की सहभागिता ने सबका ध्यान खींचा। साथ ही, सांस्कृतिक झलकियां और ‘सारे जहां से अच्छा’ पर 300 वादकों की प्रस्तुति आयोजन को खास बना गई।
सुरक्षा और व्यवस्था
परेड को सफल बनाने के लिए छह स्तरीय सुरक्षा कवच लागू किया गया। 70,000 पुलिस कर्मी और उन्नत तकनीक ने इसे सुरक्षित बनाया।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- 76वें गणतंत्र दिवस की परेड में ‘नारी शक्ति’ और सैन्य शक्ति पर ज़ोर।
- ब्रह्मोस मिसाइल और ‘प्रलय’ प्रणाली की पहली प्रदर्शनी।
- 31 झांकियां और 40 विमान शामिल।
- इंडोनेशियाई राष्ट्रपति मुख्य अतिथि।
- दिल्ली में सख्त सुरक्षा इंतजाम।
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