आख़िर तक – एक नज़र में
- रोहित शर्मा ने खराब फॉर्म और कप्तानी को स्वीकारा।
- टेस्ट से संन्यास को लेकर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
- मेलबर्न टेस्ट में भारत की हार के बाद आलोचनाएं बढ़ीं।
- पिछले छह टेस्ट में रोहित के बल्ले से केवल 31 रन निकले।
- सिडनी टेस्ट जीतकर भारत सीरीज बराबर करने की कोशिश करेगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
फॉर्म और कप्तानी पर उठ रहे सवाल
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने खराब बल्लेबाजी फॉर्म और कप्तानी पर आलोचनाओं को स्वीकारते हुए कहा कि यह मानसिक रूप से मुश्किल समय है। बॉक्सिंग डे टेस्ट में हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “कुछ चीज़ें मेरे पक्ष में काम नहीं कर रही हैं, जो निराशाजनक है।”
टेस्ट से संन्यास की अटकलें
मेलबर्न टेस्ट में लगातार असफलताओं के बाद रोहित शर्मा के टेस्ट करियर को लेकर अटकलें तेज़ हो गईं। कई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने उनके भविष्य पर सवाल उठाए। मार्क वॉ जैसे दिग्गजों ने यह तक कह दिया कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद रोहित का टेस्ट करियर समाप्त हो सकता है।
बीते छह टेस्ट में खराब प्रदर्शन
रोहित का प्रदर्शन पिछले छह टेस्ट मैचों में खराब रहा है। उन्होंने कुल 123 रन बनाए, जिसमें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में केवल 31 रन शामिल हैं। भारत ने इस सीरीज़ में केवल एक मैच जीता, जो रोहित की अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में हुआ।
सिडनी टेस्ट पर उम्मीदें
रोहित ने सिडनी टेस्ट में जीत की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “अभी सीरीज़ 2-2 पर समाप्त करना महत्वपूर्ण है। अगर सिडनी टेस्ट जीतते हैं तो ट्रॉफी अपने पास रहेगी।” 3 जनवरी से शुरू होने वाले इस टेस्ट में भारत के पास सीरीज़ ड्रॉ करने और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की संभावनाओं को जीवित रखने का मौका है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- रोहित शर्मा ने खराब फॉर्म और कप्तानी पर प्रतिक्रिया दी।
- टेस्ट से संन्यास को लेकर उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की।
- पिछले छह टेस्ट में रोहित बिना किसी जीत के हैं।
- सिडनी टेस्ट भारत के लिए निर्णायक हो सकता है।
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