एस जयशंकर का ट्रंप के शपथ ग्रहण में प्रमुख स्थान

आख़िर तक
3 Min Read
ट्रंप के शपथ ग्रहण में जयशंकर की पहली पंक्ति की उपस्थिति

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ट्रंप के शपथ ग्रहण में पहले पंक्ति में बैठे।
  2. उनका यह स्थान भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रिश्तों का संकेत माना गया।
  3. उनके साथ बैठने वाले अन्य विदेश मंत्री जापान और ऑस्ट्रेलिया के थे, जो QUAD में भारत और अमेरिका के साझीदार हैं।
  4. पीएम मोदी ने ट्रंप को शपथ ग्रहण पर बधाई दी और सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।
  5. जयशंकर ने ट्रंप और उपाध्यक्ष JD वांस के शपथ ग्रहण के मौके पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

जयशंकर का पहले पंक्ति में स्थान

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में विशेष स्थान मिला, जहाँ उन्हें पहले पंक्ति के सीट पर बिठाया गया। यह एक महत्वपूर्ण संकेत था कि भारत अमेरिका के साथ अपने रिश्ते और भी मजबूत करना चाहता है। जयशंकर के साथ ईक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ भी पहले पंक्ति में बैठे थे, जिससे यह साफ हुआ कि भारत का अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंध है।

QUAD साझीदार देशों का महत्व

इस आयोजन में जयशंकर के अलावा जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग भी उपस्थित थे, लेकिन वे तीसरी पंक्ति में बैठे थे। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण था, क्योंकि जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत सभी QUAD का हिस्सा हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। QUAD का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करना है।

- विज्ञापन -

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को शपथ ग्रहण पर बधाई दी और इसे भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक नए अध्याय के रूप में देखा। मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण पर बधाई! मुझे विश्वास है कि हम दोनों देश एक साथ मिलकर एक बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगे।”

जयशंकर का दौरा और औपचारिक बैठकें

जयशंकर ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने सेंट जॉन्स चर्च में आयोजित प्रार्थना सेवा में भी भाग लिया और भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामस्वामी से बातचीत की। यह घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि विदेश मंत्री केवल शपथ ग्रहण के प्रतिनिधि नहीं बल्कि गहरी कूटनीतिक भागीदारी में शामिल थे।

- विज्ञापन -

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  1. एस जयशंकर को ट्रंप के शपथ ग्रहण में प्रमुख स्थान मिला।
  2. उनकी उपस्थिति भारत और अमेरिका के संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाती है।
  3. जयशंकर का स्थान ईक्वाडोर के राष्ट्रपति के साथ था, जो एक रणनीतिक संकेत है।
  4. पीएम मोदी ने ट्रंप को बधाई दी और दोनों देशों के सहयोग की उम्मीद जताई।
  5. जयशंकर की शपथ ग्रहण से पहले मुलाकातों और चर्चाओं से भारत की विदेश नीति को मजबूती मिली है।

Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

स्मार्टफोन की जासूसी से बचें शून्य निवेश में टॉप 7 स्टार्टअप