आख़िर तक – एक नज़र में
- सैफ अली खान की पैतृक संपत्ति, जिसकी कीमत 15,000 करोड़ रुपये है, विवाद में है।
- 2015 में लगाए गए प्रतिबंध को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में हटाया।
- यह संपत्तियाँ ‘शत्रु संपत्ति अधिनियम’ के अंतर्गत सरकार द्वारा अधिग्रहित हो सकती हैं।
- संपत्ति में फ्लैग हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस और अहमदाबाद पैलेस शामिल हैं।
- इस विवाद की जड़ 1968 के शत्रु संपत्ति अधिनियम और 2017 में हुए संशोधन से जुड़ी है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
संपत्ति का मूल्य और विवाद का आरंभ
सैफ अली खान की पैतृक संपत्तियाँ, जिनकी अनुमानित कीमत 15,000 करोड़ रुपये है, ‘शत्रु संपत्ति’ के तहत विवादित हो गई हैं। 2015 में कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हाल ही में हटाने के बाद, सरकार इन संपत्तियों का अधिग्रहण कर सकती है।
‘शत्रु संपत्ति अधिनियम’ क्या है?
1968 में लागू हुआ यह अधिनियम उन संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित करता है, जो पाकिस्तान या चीन नागरिकों द्वारा भारत छोड़ने के बाद छोड़ी गई थीं। 2017 के संशोधन ने उत्तराधिकारियों के अधिकार खत्म कर दिए, जिससे विवाद और गहराया।
पताudi परिवार का दावा
सैफ अली खान की दादी, साजिदा सुल्तान, कानूनी वारिस थीं। लेकिन उनकी बहन, आबिदा सुल्तान, पाकिस्तान चली गईं, जिसके कारण सरकार ने संपत्ति को ‘शत्रु संपत्ति’ माना।
मौजूदा स्थिति
हाल ही में, न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की अगुवाई में कोर्ट ने सभी पक्षों को 30 दिन में आवेदन करने का आदेश दिया है। इस मामले का फैसला आने वाले समय में संपत्तियों की स्थिति तय करेगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- 15,000 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ विवाद में।
- शत्रु संपत्ति अधिनियम का 2017 संशोधन विवाद की जड़।
- सैफ अली खान और उनके परिवार की कानूनी लड़ाई जारी।
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