आख़िर तक – एक नज़र में
- संबल जिले में बाहरी लोगों की एंट्री 10 दिसंबर तक प्रतिबंधित कर दी गई।
- समाजवादी पार्टी का एक दल जिले का दौरा करने जा रहा था, जिसे रोका गया।
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे भाजपा सरकार की नाकामी बताया।
- भाजपा ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा के पीछे सपा समर्थित अपराधी हैं।
- कांग्रेस ने भी घोषणा की है कि उनका दल 2 दिसंबर को संबल का दौरा करेगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
संबल में हिंसा की पृष्ठभूमि
संबल जिले में हाल ही में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद पर कोर्ट के आदेश से किए गए सर्वे के बाद भारी हिंसा हुई। इस हिंसा में पांच लोग मारे गए और 20 पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
बाहरी लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पंडिया ने एक आदेश जारी कर बाहरी लोगों की जिले में एंट्री पर 10 दिसंबर तक रोक लगा दी। इससे पहले, यह प्रतिबंध 1 दिसंबर तक के लिए था।
सपा दल को रोका गया
15 सदस्यीय समाजवादी पार्टी का एक दल संबल जा रहा था, जिसे रास्ते में ही रोक दिया गया। सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि उनका दौरा माहौल खराब नहीं करेगा।
भाजपा और सपा में आरोप-प्रत्यारोप
अखिलेश यादव ने इसे भाजपा सरकार की प्रशासनिक विफलता बताया। वहीं, भाजपा ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा सपा समर्थित अपराधियों ने की थी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- संबल हिंसा के बाद बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक।
- सपा दल को रोके जाने पर राजनीतिक विवाद।
- भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप।
- कांग्रेस का 2 दिसंबर को संबल दौरे का ऐलान।
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