Aakhir Tak – In Shorts
आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, जिसमें सेंसेक्स 930.55 अंक गिरकर 80,220.72 पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर शेयर बेचे जाने के कारण बाजार में मंदी आई। विश्लेषक मानते हैं कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, और बाजार में पुनरुत्थान की संभावना है।
Aakhir Tak – In Depth
आज भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स 930.55 अंक गिरकर 80,220.72 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 309 अंक गिरकर 24,472.10 पर पहुंच गया। इस भारी गिरावट ने बीएसई के बाजार पूंजीकरण में 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान किया, जिससे कई निवेशक सदमे में हैं।
क्या वास्तव में इस बाजार मंदी का कारण बना? यहाँ कुछ मुख्य कारक हैं:
लाभ बुकिंग
हाल के हफ्तों में अच्छी वृद्धि के बाद, ऐसा लगता है कि निवेशकों ने अपने लाभ को निकालने का निर्णय लिया। विश्लेषकों ने संकेत दिया कि संभावित आर्थिक मंदी के संकेत निवेशक भावना पर भारी पड़े। जबकि भारतीय बाजार को अक्सर “डिप पर खरीदारी” के लिए देखा जाता है, वर्तमान उच्च मूल्यांकन ने एक आवश्यक सुधार को प्रेरित किया।
FII बिक्री
इस महीने विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) बड़े पैमाने पर शेयर बेच रहे हैं। NSDL के आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर तक उन्होंने 88,244 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। कल, FIIs ने 2,261.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 3,225.91 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस गतिशीलता ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों के बीच संघर्ष को उजागर किया।
ग्लोबल मंदी का भाव
यह मंदी केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं रही, बल्कि एशिया में भी महसूस की गई। जापान का निक्की 1.39% गिरा, और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.31% गिरा। Geojit Financial Services के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में बढ़ते बांड यील्ड्स ने उभरते बाजारों में फंड प्रवाह को प्रभावित किया है।
क्षेत्रीय प्रदर्शन
हर क्षेत्र ने आज भारी गिरावट का सामना किया, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, और टीसीएस जैसे बड़े नामों ने इस गिरावट में योगदान दिया। मध्य और लघु-मूल्य के शेयरों में 2.61% और 3.92% की गिरावट आई।
विश्लेषकों का मानना है कि हालाँकि वर्तमान दृष्टिकोण निराशाजनक है, लेकिन मध्य और लघु-मूल्य के क्षेत्रों में अधिक बिकवाली की स्थिति में शॉर्ट-टर्म बाउंस की संभावना हो सकती है।
क्या बाजार की अस्थिरता जारी रहेगी?
आज की नाटकीय बाजार गतिविधियाँ निवेश में अंतर्निहित अस्थिरता की स्पष्ट याद दिलाती हैं। जैसे-जैसे निवेशक इस गिरावट को पचाते हैं, सभी की नजरें आगामी आर्थिक संकेतकों और कॉर्पोरेट आय रिपोर्टों पर होंगी।
आरबीआई का 7.2% जीडीपी विकास की भविष्यवाणी करना सुझाव देता है कि यह वर्तमान मंदी एक अस्थायी चरण हो सकता है, जो निकट भविष्य में बाजार भावना में सुधार की उम्मीद दे सकता है।
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