आख़िर तक – एक नज़र में
- वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर अमेरिकी दौरे पर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
- प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष अमेरिका और अन्य देशों के सामने रखेगा।
- थरूर ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में मध्यस्थता के दावों का खंडन किया।
- उन्होंने कहा कि विदेशी धरती पर वे एक आवाज़ में बोलेंगे, आंतरिक राजनीति को परे रखकर।
- भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय हित में थरूर को इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए चुना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक महत्वपूर्ण शशि थरूर अमेरिकी दौरे पर रवाना होने वाले हैं। वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष संयुक्त राज्य अमेरिका के समक्ष प्रस्तुत करेगा। यह कदम भारत की कूटनीतिक पहुंच को दर्शाता है।
एकजुटता का संदेश और यात्रा का उद्देश्य
शुक्रवार को शशि थरूर ने पुष्टि की कि उनके नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज रात अमेरिका के लिए रवाना होगा। इंडिया टुडे टीवी से अपनी रवानगी से पहले थरूर ने कहा, “हम आज रात यात्रा कर रहे हैं। यह अच्छा है कि सभी एक ही पृष्ठ पर हैं, और सरकार की ब्रीफिंग इसी बारे में थी।” उन्होंने आगे कहा, “हम तैयार हैं, सभी स्थिति को समझते हैं, और हम उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं। हम एक आवाज़ में बोलेंगे।” यह शशि थरूर अमेरिकी दौरा भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है।
ट्रम्प के दावों का खंडन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता करने के कई दावों के बारे में पूछे जाने पर, थरूर ने सरकार के रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि किसी अन्य देश द्वारा कोई औपचारिक मध्यस्थता नहीं की गई थी। थरूर ने कहा, “किसी भी संकट के दौरान, देशों के बीच हमेशा संपर्क होता है – हम उन्हें फोन करते हैं, वे हमें फोन करते हैं – लेकिन कोई औपचारिक मध्यस्थता प्रक्रिया नहीं हुई है। आप मुझे फोन करते हैं, मैं समझाता हूं कि हम क्या कर रहे हैं और क्यों। क्या यह मध्यस्थता है? मुझे ऐसा नहीं लगता।” यह मध्यस्थता से इनकार भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को दर्शाता है।
आंतरिक राजनीति बनाम अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति
भारत-पाकिस्तान स्थिति से निपटने के सरकार के तरीके की कांग्रेस पार्टी की पहले की आलोचना पर सवालों का जवाब देते हुए, थरूर ने आंतरिक राजनीतिक बहस और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के बीच एक रेखा खींची। उन्होंने कहा, “मैं एक बाहरी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होते हुए आंतरिक बहसों में नहीं पड़ रहा हूं। किसी भी लोकतंत्र में, मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन जब हम भारत के लिए बोलने के लिए विदेश जाते हैं, तो हम एक आवाज़ में बोलते हैं।” थरूर ने स्पष्ट किया, “आंतरिक पार्टी की राजनीति का अपना स्थान है, लेकिन वैश्विक मंच पर, हम देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।” यह राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखने का उदाहरण है।
प्रतिनिधिमंडल का चयन और थरूर की स्वीकृति
शशि थरूर को भाजपा सरकार के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा अमेरिका और चार अन्य देशों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। दिलचस्प बात यह है कि थरूर का नाम, दो अन्य कांग्रेस सांसदों के साथ, उन चार उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची में नहीं था, जिन्हें कांग्रेस ने ऐसे प्रतिनिधिमंडलों के लिए प्रस्तावित किया था।
सरकार के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए, थरूर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया: “मैं भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं, ताकि हाल की घटनाओं पर हमारे राष्ट्र का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जा सके।” उन्होंने आगे कहा था, “जब राष्ट्रीय हित शामिल हो, और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मुझे पीछे नहीं पाया जाएगा। जय हिंद!” यह शशि थरूर अमेरिकी दौरा उनकी कूटनीतिक विशेषज्ञता को मान्यता देता है। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत का पक्ष मजबूती से रखने में सहायक होगा।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- शशि थरूर अमेरिकी दौरे पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जो ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखेगा।
- थरूर ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाक मध्यस्थता से इनकार करते हुए सरकार के रुख का समर्थन किया।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेश में वे राष्ट्रीय हित में एक होकर बोलेंगे, कांग्रेस की आंतरिक आलोचना को परे रखकर।
- भाजपा सरकार द्वारा थरूर का चयन उनकी क्षमताओं और राष्ट्रीय एकता के महत्व को दर्शाता है।
- यह दौरा भारत की कूटनीतिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संवेदनशील मुद्दों पर सूचित करना है।
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