शेख हसीना का खुलासा: 25 मिनट में बची जान

आख़िर तक
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शेख हसीना: पिता का घर जला, इतिहास लेगा बदला

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. शेख हसीना ने दावा किया कि उन्होंने और उनकी बहन ने हत्या की साजिशों से बाल-बाल बचकर भाग निकाला।
  2. 5 अगस्त 2022 को बांग्लादेश में हिंसक छात्र प्रदर्शन के बीच उन्होंने ढाका छोड़ा।
  3. 25 मिनट के अंतर से उनकी जान बची और वे भारत आ गईं।
  4. हसीना ने कहा कि यह अल्लाह की इच्छा थी कि वह कई हमलों से बच सकीं।
  5. भारत ने उनकी वीज़ा अवधि बढ़ाई, जबकि बांग्लादेश ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

ढाका से भागने की घटना
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक ऑडियो संदेश में खुलासा किया कि 5 अगस्त 2022 को वह और उनकी बहन शेख रेहाना मात्र 25 मिनट के अंतराल में मौत से बचकर भाग निकले। यह घटना तब हुई जब बांग्लादेश में हिंसक छात्र प्रदर्शन चल रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी नौकरी में कोटा व्यवस्था को रद्द करने की मांग की थी।

राजनीतिक साजिशें और हमले
हसीना ने अपनी राजनीति यात्रा के दौरान लगातार हत्या की साजिशों का सामना किया। उन्होंने 21 अगस्त 2004 के ग्रेनेड हमले, 2000 के कोटालिपारा बम धमाके, और हाल ही के हमलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अल्लाह की मर्जी थी कि वह जिंदा हैं।

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भारत में शरण
हसीना ने भारत में शरण ली है, क्योंकि बांग्लादेश में उनके खिलाफ आरोप और गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने देश से दूर, अपने घर और परिवार के बिना, कष्ट झेल रही हैं। भारत ने उनका वीज़ा बढ़ाया है, लेकिन बांग्लादेश ने उनकी वापसी की मांग की है।

भविष्य की चुनौतियां
हालांकि, शेख हसीना के लिए चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने उनके खिलाफ हिंसा से जुड़े मामलों में गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • शेख हसीना ने कई साजिशों और हमलों से बचकर अपनी जान बचाई।
  • 2004 का ग्रेनेड हमला और 2000 का कोटालिपारा धमाका उनकी सुरक्षा को चुनौती देते रहे।
  • वर्तमान में हसीना भारत में रह रही हैं, जहां उनके वीज़ा की अवधि बढ़ा दी गई है।
  • उनके देश वापसी को लेकर विवाद बना हुआ है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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