शिमला में बुधवार को मस्जिद परिसर में कथित अवैध निर्माण के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।
दृश्यों में प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स गिराते और “हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है” जैसे नारे लगाते दिखे। प्रदर्शन का आयोजन शिमला के संजौली क्षेत्र में स्थित मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के कथित निर्माण के खिलाफ किया गया था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें शांति और कानून के दायरे में रहकर विरोध करना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, “हमारे राज्य में कभी भी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए हैं। हिमाचल देवभूमि के नाम से जाना जाता है। वर्तमान स्थिति सामान्य है और जनजीवन सुचारू रूप से चल रहा है। लोगों का विरोध करना अधिकार है, लेकिन सबकुछ कानून के तहत होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी बताया कि संजौली मस्जिद के कथित अवैध निर्माण का मामला स्थानीय नगर पालिका की अदालत में चल रहा है और कानून अपना काम करेगा। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया, “हमने हितधारकों के साथ बैठक की और हमें उम्मीद है कि विरोध शांतिपूर्ण रहेगा।”
मंगलवार को जारी निषेधाज्ञा के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने अवैध निर्माण के विरोध में रैली निकाली।
प्रदर्शन से पहले बुधवार को धल्ली टनल में पुलिस की भारी तैनाती देखी गई। पुलिस पोस्ट पर वाहनों की भी जांच की गई ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
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