आख़िर तक – एक नज़र में
- शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखा गया, जिसमें घरेलू और वैश्विक कारक प्रमुख रहे।
- चीन, अमेरिका, जापान और यूके के आर्थिक आंकड़े अगले हफ्ते बाजार की दिशा तय करेंगे।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर घोषणा निवेशकों के लिए एक बड़ा कारक होगी।
- घरेलू बाजारों में विदेशी निवेशकों (FIIs) ने इस महीने ₹69,000 करोड़ का शुद्ध विक्रय किया है।
- प्रमुख कॉरपोरेट कंपनियों के नतीजों का बाजार धारणा पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
इस हफ्ते बाजार की स्थिति
इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में उतार-चढ़ाव देखा गया। निफ्टी ने 0.48% की गिरावट दर्ज की, जो लगातार तीसरी साप्ताहिक गिरावट थी। सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने 200-दिवसीय ईएमए से नीचे कारोबार किया, जो मंदी का संकेत है। विदेशी निवेशकों ने ₹69,000 करोड़ की शुद्ध विक्री की, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने ₹17,577 करोड़ का निवेश किया।
वैश्विक आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव
अगले सप्ताह, प्रमुख आर्थिक संकेतक बाजार की दिशा तय करेंगे:
- चीन का PMI डेटा: सोमवार को चीन का NBS कंपोजिट PMI जारी होगा, जो विनिर्माण और गैर-विनिर्माण क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट करेगा।
- अमेरिका का डेटा: मंगलवार को दिसंबर के लिए ड्यूरबल गुड्स ऑर्डर्स और गुरुवार को चौथी तिमाही के GDP का खुलासा होगा।
- जापान और यूके का डेटा: जापान का उपभोक्ता विश्वास सूचकांक और यूके का आवास मूल्य सूचकांक जारी किया जाएगा।
बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेतक
मौजूदा स्तर पर, निफ्टी का मुख्य प्रतिरोध 23,350–23,450 पर है। अगर यह स्तर टूटता है, तो बाजार 22,850 और 22,600 तक गिर सकता है। बैंक निफ्टी में भी समान रुझान दिखाई दिए हैं, जिसमें 48,900–49,000 प्रतिरोध बना हुआ है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- एफआईआई की बिक्री ने बाजार पर दबाव डाला है, जबकि डीआईआई निवेशकों ने संतुलन बनाया।
- वैश्विक आर्थिक डाटा और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर की घोषणा बाजार के लिए निर्णायक होगी।
- निवेशक सतर्कता और एक ‘बिक्री पर खरीद’ रणनीति अपनाएं।
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