सुनिता विलियम्स का रेस्क्यू स्पेसक्राफ्ट पहुँचा, फिर भी तुरंत वापसी नहीं

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सुनिता विलियम्स का रेस्क्यू स्पेसक्राफ्ट पहुँचा, फिर भी तुरंत वापसी नहीं

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी के लिए भेजा गया स्पेसएक्स ड्रैगन रेस्क्यू स्पेसक्राफ्ट 29 सितंबर 2024 को सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर डॉक हो गया। हालाँकि, सुनिता विलियम्स और उनके साथी को अभी पृथ्वी पर लौटने के लिए कुछ और समय इंतजार करना पड़ेगा।

यह रेस्क्यू मिशन विशेष रूप से इसलिए भेजा गया था क्योंकि बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी समस्याएं थीं। स्टारलाइनर के थ्रस्टर और हीलियम लीक जैसे मुद्दों के कारण नासा ने इसे क्रू की वापसी के लिए सुरक्षित नहीं माना।

स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रॉसकॉसमोस के कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव भी शामिल थे। इस मिशन का उद्देश्य विलियम्स और विलमोर की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना था, लेकिन अब उनकी वापसी फरवरी 2025 तक टल गई है।

विलियम्स के विस्तारित मिशन की वजह से कई फैक्टर जुड़े हैं:

  1. क्रू रोटेशन योजनाएँ: नासा के द्वारा आईएसएस पर लगातार ऑपरेशंस को बनाए रखने के लिए क्रू रोटेशन योजनाएं निर्धारित की गई हैं। सुनिता की तुरंत वापसी इन योजनाओं को प्रभावित कर सकती है और आईएसएस पर कम स्टाफ की स्थिति पैदा कर सकती है।
  2. विज्ञानिक मिशन जारी रखना: सुनिता विलियम्स वर्तमान में आईएसएस पर कुछ महत्वपूर्ण विज्ञानिक प्रयोगों में संलग्न हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उनका वहाँ रहना जरूरी है।
  3. तैयारी का समय: वापसी यात्रा के लिए शारीरिक तैयारी, जिम्मेदारियों का हस्तांतरण और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण से पुनः समायोजन के लिए समय की आवश्यकता होती है।
  4. मिशन उद्देश्यों का पूरा होना: नासा उनके विस्तारित मिशन का अधिकतम लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है ताकि अतिरिक्त विज्ञानिक कार्य और रखरखाव का कार्य भी पूरा हो सके।
  5. सुरक्षा का ध्यान: इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और तैयारी की जा रही है।

विलियम्स ने अपने विस्तारित मिशन के दौरान आईएसएस की कमान संभाली है और कठिन परिस्थितियों में नेतृत्व कौशल और अनुकूलनशीलता का प्रदर्शन किया है। यह स्थिति अंतरिक्ष अभियानों की जटिलताओं और चुनौतियों को दर्शाती है और बैकअप योजनाओं की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

विलियम्स के इस लंबे मिशन से मिलने वाला डेटा भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषणों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।


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