सुप्रीम कोर्ट केस प्राथमिकता पर पूर्व CJI का बयान

आख़िर तक
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अजमेर-संभल विवाद: पूर्व CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ के बयान का प्रभाव

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता पर जोर दिया।
  2. संजय राउत ने चंद्रचूड़ पर MVA की हार का आरोप लगाया।
  3. CJI ने कहा, कोर्ट का एजेंडा कोई पार्टी तय नहीं कर सकती।
  4. सुप्रीम कोर्ट ने कई संवैधानिक मामलों पर निर्णय लिए।
  5. चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका की स्वायत्तता की रक्षा की बात कही।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

पृष्ठभूमि

पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह तय करने का अधिकार है कि कौन से मामले सुनवाई के लिए प्राथमिकता में होंगे। उनकी यह टिप्पणी शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के बयान के बाद आई है।

संजय राउत का आरोप

संजय राउत ने चंद्रचूड़ को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले नहीं सुलझाए, जिससे राजनीतिक दल-बदल हुआ।

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पूर्व CJI की प्रतिक्रिया

चंद्रचूड़ ने कहा, “क्या किसी एक पार्टी या व्यक्ति को यह तय करने का अधिकार है कि सुप्रीम कोर्ट कौन सा मामला सुने? यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश का है।” उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में 38 संवैधानिक मामलों पर निर्णय लिए गए।

न्यायपालिका की स्वतंत्रता

पूर्व CJI ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बाहरी दबावों से प्रभावित नहीं होता। उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि अदालत किसी भी पार्टी के एजेंडे के अनुसार नहीं चल सकती।

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आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता सर्वोपरि है।
  • संजय राउत ने CJI पर आरोप लगाए।
  • चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका की स्वायत्तता का बचाव किया।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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