आख़िर तक – एक नज़र में
- अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
- राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने के आरोपी हैं, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी।
- वह पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक हैं, जिन्हें एफबीआई ने 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया था।
- राणा ने अमेरिकी अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया।
- अब राणा को भारत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
अमेरिका की स्वीकृति
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक फैसले ने भारत की न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
राणा का अपराध और इतिहास
तहव्वुर राणा पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक हैं। 2008 में हुए मुंबई हमले, जिसमें 166 लोगों की मृत्यु हुई थी, में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा द्वारा योजना बनाकर अंजाम दिया गया था। राणा का नाम पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली के सहयोगी के रूप में सामने आया, जो पहले ही इस मामले में आरोपी हैं और 35 साल की सजा काट रहे हैं।
अदालती लड़ाई
राणा ने कई अमेरिकी अदालतों में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की। उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें पहले ही शिकागो की अदालत में आरोपों से मुक्त किया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि उनका भारत प्रत्यर्पण उन्हें दोहरे खतरे और मृत्यु दंड के जोखिम में डाल सकता है।
भारत को न्याय की आस
इस फैसले के साथ, भारत को उम्मीद है कि 26/11 के पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिलेगा। सरकार ने इस मामले को लेकर हर संभव कानूनी प्रयास किया है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- तहव्वुर राणा 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं।
- उनका भारत प्रत्यर्पण भारतीय जांच एजेंसियों के लिए अहम है।
- अमेरिका की अदालतों ने राणा की सभी अपीलें खारिज कर दी हैं।
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