आख़िर तक – एक नज़र में
- भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गम्भीर की भूमिका पर चैंपियंस ट्रॉफी के बाद विचार किया जाएगा।
- गम्भीर के प्रयासों से ‘सुपरस्टार संस्कृति’ को खत्म करने का दबाव आंतरिक विवादों का कारण बना है।
- भारतीय टीम ने हाल में खराब प्रदर्शन किया है, जिससे कोच के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।
- बीसीसीआई को गम्भीर और प्रमुख खिलाड़ियों के बीच मतभेदों का पता चला है।
- चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन न मिलने पर गम्भीर की कोचिंग से जुड़ा सवाल उठ सकता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
गम्भीर की कोचिंग पर दबाव
भारत की क्रिकेट टीम के कोच गौतम गम्भीर के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के प्रदर्शन के आधार पर बीसीसीआई गम्भीर की कोचिंग को पुनः मूल्यांकन कर सकता है। गम्भीर ने टीम में ‘सुपरस्टार संस्कृति’ को समाप्त करने का प्रयास किया है, लेकिन यह कदम आंतरिक संघर्षों को जन्म दे रहा है। गम्भीर की कोचिंग के बाद टीम के प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं आया है, और भारत ने 10 में से 6 टेस्ट हारने के साथ श्रीलंका में एक द्विपक्षीय वनडे श्रृंखला भी गंवा दी।
खिलाड़ी और कोच के बीच मतभेद
बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार गम्भीर और टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच मतभेद है। गम्भीर का मानना है कि टीम में स्टार खिलाड़ियों को विशेष दर्जा देना भारत की दीर्घकालिक सफलता के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने केकेआर में भी कप्तान रहते हुए ब्रेंडन मैकुलम जैसे प्रमुख खिलाड़ी को आईपीएल फाइनल में ड्रॉप किया था। गम्भीर के मुताबिक, टीम में सभी खिलाड़ियों को समान अवसर मिलना चाहिए और स्टार संस्कृति का असर नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि गम्भीर के नेतृत्व से कई सीनियर खिलाड़ियों को असहज महसूस हो रहा है।
बीसीसीआई की समीक्षा
बीसीसीआई ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की है। गम्भीर और खिलाड़ियों के बीच एक खुला संवाद न होने से स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। इसके अलावा, गम्भीर के निजी सहायक को टीम के साथ हर जगह देखा गया, जो बीसीसीआई अधिकारियों के लिए एक और चिंता का विषय बना।
गम्भीर का चयन नीति पर दृष्टिकोण
यह ज्ञात हुआ है कि राष्ट्रीय चयन समिति गम्भीर को चयन प्रक्रिया में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। पूर्व चयनकर्ता का कहना है कि गम्भीर के कड़क स्वभाव में कभी कभी महत्त्वपूर्ण निर्णयों में छाया चित्र दिखाई देता है, जो टीम के अंदर एक गहरी दरार का कारण बन सकता है।
भविष्य पर सवाल
चैंपियंस ट्रॉफी के पहले, गम्भीर और टीम के बीच के संघर्ष भारतीय ड्रेसिंग रूम को प्रभावित कर रहे हैं। अगले कुछ महीनों में ही यह साफ हो जाएगा कि गम्भीर भारतीय क्रिकेट की कोचिंग में बने रहते हैं या नहीं। गम्भीर का संघर्ष केवल टीम की संस्कृति को बदलने का नहीं, बल्कि टीम के प्रदर्शन से जुड़ा है। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती, तो बीसीसीआई को गम्भीर के कोच के तौर पर कार्यकाल पर पुनः विचार करना पड़ सकता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- चैंपियंस ट्रॉफी के परिणाम के आधार पर गम्भीर की भविष्यवाणी की जा सकती है। इस पर आने वाले समय में और भी अपडेट मिल सकते हैं।
- गम्भीर की कोचिंग में टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है।
- ‘सुपरस्टार संस्कृति’ को खत्म करने का उनका प्रयास टीम में असहमति उत्पन्न कर रहा है।
- गम्भीर और खिलाड़ियों के बीच लगातार मतभेद हो रहे हैं।
- बीसीसीआई की समीक्षा में गम्भीर के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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