तिरुपति लड्डू विवाद: जगन रेड्डी ने खारिज किए आरोप, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

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चंद्रबाबू नायडू बनाम जगन रेड्डी: तिरुपति मंदिर विवाद

तिरुपति के तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक लैब रिपोर्ट में लड्डू में पशु वसा की उपस्थिति का पता चला, जिससे व्यापक बवाल मच गया। केंद्र सरकार ने मामले पर रिपोर्ट मांगी है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू सरकार के दौरान मिलावट के आरोपों को खारिज किया है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्स (TTD) की प्रबंधन समिति ने बताया कि उन्होंने लड्डू की सामग्री में विभिन्न स्तरों पर मिलावट की पुष्टि की है। इनमें सुअर की चर्बी, बीफ टैलो, पाम तेल आदि की उपस्थिति पाई गई। मंदिर में हर दिन 60,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और यह लड्डू उन्हें प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

YSR कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने तेदेपा (TDP) पर “भगवान के नाम पर राजनीति करने” का आरोप लगाते हुए कहा कि ये आरोप उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान लगे थे। उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और इस मामले में वे प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखेंगे।

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस मामले में रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा की जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

तिरुपति मंदिर प्रबंधन ने गी (घी) की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक चार सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें डेयरी विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। वहीं, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की और मंदिरों के मुद्दों को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ बनाने की मांग की।

AR डेयरी, जो तिरुपति मंदिर में घी की आपूर्ति करने वाली कंपनियों में से एक है, ने बताया कि उनके द्वारा सप्लाई किए गए घी के नमूनों की गुणवत्ता की पुष्टि की गई थी। यह कंपनी अब विवाद में घिर गई है, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके द्वारा आपूर्ति किए गए घी के साथ प्रमाणित लैब रिपोर्ट भी थी।

Congress ने भी इस मामले की पूर्ण जांच की मांग की और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही। यदि आरोप झूठे या राजनीतिक रूप से प्रेरित साबित होते हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने चेतावनी दी कि तिरुपति के करोड़ों भक्त माफ नहीं करेंगे।


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