Aakhir Tak – In Shorts
डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भपात और प्रजनन अधिकारों पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने में कठिनाई का सामना किया है। वह समय-समय पर भ्रामक और विरोधाभासी उत्तर देते हैं। उनका यह रवैया रिपब्लिकन पार्टी के लिए इस चुनाव में एक बड़ी कमजोरी बन गया है।
Aakhir Tak – In Depth
डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भपात के अधिकारों पर स्पष्ट और स्थिर स्थिति बनाए रखने में कठिनाई का सामना किया है। पूर्व राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर अनिश्चित और कई बार विरोधाभासी उत्तर दिए हैं, जिससे रिपब्लिकन पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है। ट्रंप ने हाल ही में एक फॉक्स न्यूज़ टाउन हॉल में कहा कि कुछ गर्भपात कानून “बहुत सख्त” हैं और “फिर से किए जाएंगे।”
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस प्रकार की कार्रवाई करेंगे या किस राज्य या कानून के बारे में बात कर रहे हैं। ट्रंप ने अपने आलोचकों को यह संकेत दिया है कि उन्होंने तीन सुप्रीम कोर्ट जस्टिसों को नामित किया, जिन्होंने गर्भपात के अधिकारों को समाप्त करने में मदद की।
हाल के सर्वेक्षणों के अनुसार, लगभग 60% अमेरिकियों का मानना है कि उनके राज्य में गर्भपात को वैध करने के लिए कोई कारण नहीं होना चाहिए। हाल के वर्षों में, सात राज्यों में मतदाताओं ने गर्भपात अधिकारों की रक्षा की है या इसे प्रतिबंधित करने के प्रयासों को असफल किया है।
ट्रंप की स्थिति में लगातार परिवर्तन से यह स्पष्ट है कि वह गर्भपात के खिलाफ अपने समर्थन और महिलाओं के अधिकारों पर विचार करने का प्रयास कर रहे हैं। यह उनके समर्थकों और सामान्य जनता के बीच की खाई को पाटने का एक प्रयास है।
गर्भपात पर अपने हालिया बयानों में, ट्रंप ने कहा है कि यह राज्यों पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि वे महिलाओं को गर्भपात के लिए कैसे दंडित करें। साथ ही, ट्रंप ने कहा कि वे प्रजनन उपचारों तक पहुंच पर भी चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इस विषय पर उनके विचार स्पष्ट नहीं हैं।
वर्तमान में, 13 राज्यों ने गर्भपात को सभी चरणों में प्रतिबंधित कर दिया है, जबकि चार राज्यों ने छह हफ्ते बाद इसे प्रतिबंधित किया है। इससे ट्रंप के चुनावी अभियान के लिए एक नई चुनौती पैदा हो गई है, क्योंकि उन्हें अपने विरोधाभासी बयानों और उनके समर्थकों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
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