आख़िर तक – एक नज़र में
- एस जयशंकर ने ट्रंप के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र राष्ट्रपति ट्रंप को सौंपा।
- यह इशारा करता है कि ट्रंप प्रशासन भारत-अमेरिका संबंधों को प्राथमिकता देता है।
- जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव से भी मुलाकात की।
- उन्होंने अमेरिका के वीज़ा प्रक्रिया में सुधार के महत्व पर जोर दिया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
ट्रंप के शपथ ग्रहण में भारत का विशेष प्रतिनिधित्व
एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री, 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित हुए। इस अवसर पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष पत्र राष्ट्रपति ट्रंप के लिए लेकर गए।
भारत-अमेरिका संबंधों को प्राथमिकता
जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि नई सरकार ने भारत को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित कर अपनी मंशा स्पष्ट की।
द्विपक्षीय वार्ता और क्वाड पर चर्चा
जयशंकर ने अमेरिका के विदेश सचिव मार्को रूबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज के साथ बैठक की। इसके अलावा, उन्होंने ट्रंप प्रशासन के पहले क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया।
वीज़ा मुद्दे पर चर्चा
जयशंकर ने अमेरिकी वीज़ा प्रक्रिया में देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह न केवल व्यापार को प्रभावित करता है, बल्कि लोगों के आपसी संवाद में भी बाधा डालता है।
आगे का रास्ता
जयशंकर ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपनी साझेदारी को और व्यापक और महत्वाकांक्षी बनाना चाहिए।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- ट्रंप के शपथ ग्रहण में भारत का उच्च-स्तरीय प्रतिनिधित्व।
- क्वाड की भूमिका को और बढ़ाने पर चर्चा।
- वीज़ा प्रक्रिया में सुधार पर जोर।
- भारत-अमेरिका संबंधों में विश्वास और सहयोग को नई ऊंचाई देने की आवश्यकता।
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