खालिस्तानियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन ने दिया आश्वासन

आख़िर तक
3 Min Read
खालिस्तानियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन ने दिया आश्वासन

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने खालिस्तानियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया।
  2. कुछ खालिस्तानियों ने आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
  3. ब्रिटेन ने इस तरह के उत्पीड़न और धमकियों को बर्दाश्त न करने का वादा किया।
  4. भारत ने इन आरोपों को पहले खारिज कर दिया है।
  5. कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत से सहयोग का आग्रह भी किया गया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

खालिस्तानियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन का आश्वासन

ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने खालिस्तानियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। यह आश्वासन कुछ खालिस्तानियों द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आया है कि भारतीय एजेंसियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इन आरोपों के बावजूद, भारत ने इन्हें पहले खारिज कर दिया है।

- विज्ञापन -

ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया

जार्विस ने सिख फेडरेशन, एक खालिस्तानी संगठन, को पत्र लिखकर सुरक्षा का आश्वासन दिया। जार्विस ने लिखा, “हम धमकियों या जान के खतरे को बर्दाश्त नहीं करते और हमारी खुफिया एजेंसियां और पुलिस बल सभी उपकरणों का उपयोग करके लोगों को सुरक्षित रखने का काम करेंगे।”

- विज्ञापन -

निज्जर की हत्या पर भारत से सहयोग का आग्रह

जार्विस ने भारत से कनाडाई सरकार के साथ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग करने का भी आग्रह किया। कनाडा ने भारतीय सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है, जिसे भारत ने खारिज कर दिया है।

- विज्ञापन -

भारतीय राजनयिक की प्रतिक्रिया

भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ब्रिटिश सरकार की खालिस्तानी आतंकवादियों को शरण देने की नीति की आलोचना की। सिब्बल ने कहा, “ब्रिटिश अधिकारियों ने लंबे समय से खालिस्तानी उग्रवादियों और ISI ऑपरेटिव्स को प्रोत्साहित किया है।”

याद रखने योग्य बातें

  1. ब्रिटिश सरकार ने खालिस्तानियों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
  2. भारतीय एजेंसियों द्वारा निशाना बनाए जाने के आरोपों को भारत ने खारिज किया है।
  3. निज्जर की हत्या की जांच में भारत से सहयोग का आग्रह किया गया है।
  4. भारतीय राजनयिक ने ब्रिटेन की नीति की आलोचना की है।
  5. ब्रिटिश सरकार का यह कदम विवादास्पद है।

Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

करवा चौथ: महत्व और उत्सव खोया हुआ मोबाइल कैसे ढूंढे: आसान और तेज़ तरीके