आख़िर तक – एक नज़र में
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर सरकार का प्रवक्ता होने का आरोप लगाया।
- INDIA ब्लॉक ने राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की।
- खरगे ने आरोप लगाया कि धनखड़ संविधान के बजाय भाजपा के प्रति वफादार हैं।
- विपक्ष का दावा है कि धनखड़ ने राज्यसभा में चर्चाओं को जानबूझकर दबाया।
- यह कदम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए उठाया गया है, ऐसा खरगे का कहना है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे सरकार के सबसे बड़े प्रवक्ता हैं। उन्होंने राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठाया गया है। INDIA ब्लॉक ने यह प्रस्ताव दिया है।
धनखड़ पर गंभीर आरोप
खरगे ने आरोप लगाया कि धनखड़ संविधान और संवैधानिक परंपराओं के प्रति वफादार नहीं हैं, बल्कि भाजपा के प्रति वफादार हैं। उन्होंने कहा कि धनखड़ अपनी अगली पदोन्नति के लिए सरकार के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा में सबसे बड़ा व्यवधान खुद सभापति हैं।
राज्यसभा में विरोध
खरगे ने आरोप लगाया कि सभापति जानबूझकर विपक्ष द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने से रोकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं को बार-बार बोलने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभापति “हेडमास्टर” की तरह काम कर रहे हैं।
लोकतंत्र की रक्षा
खरगे ने कहा कि उनका धनखड़ से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कदम लोकतंत्र, संविधान और देश की गरिमा की रक्षा के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि 1952 के बाद से उपराष्ट्रपति को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं आया है, क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष रहे हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर सरकार का प्रवक्ता होने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की। यह कदम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए उठाया गया है। राज्यसभा में विपक्ष की आवाज़ दबाने के आरोप भी लगाए गए हैं।
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