भारी बारिश के कारण केरल के वेयनाड जिले में भयानक भूस्खलन हुए हैं, जिसमें 308 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आपदा पहाड़ी क्षेत्रों में आई है, जिससे समुदायों पर मलबा गिर गया और व्यापक नुकसान हुआ है। जीवित लोगों को खोजने के लिए ड्रोन आधारित रडार तैनात किया गया है।
वेयनाड भूस्खलन का विनाशकारी प्रभाव
मंगलवार को वेयनाड में लगातार भारी बारिश के कारण गंभीर भूस्खलन हुआ। क्षेत्र की चुनौतीपूर्ण भू-आकृति और नष्ट हुई बुनियादी सुविधाओं ने बचाव कार्यों को जटिल बना दिया है। शुक्रवार तक, 200 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बचाव अभियान और ड्रोन आधारित रडार
बचाव प्रयासों को बढ़ाया गया है, और संचालन चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना की एक समन्वित टीम खोज में जुटी है।
बचाव अभियान को छह क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- अट्टामाला और आरानमाला
- मुंडक्काई
- पंजिरीमट्टम
- वेल्लर्माला गांव सड़क
- जीवीएचएसएस वेल्लर्माला
- चालीयर नदी के नीचे
कोस्ट गार्ड और नौसेना चालीयर नदी के किनारे पर खोज कर रहे हैं, जहां शव बहने की संभावना है। खोज प्रयासों को बढ़ाने के लिए दिल्ली से ड्रोन आधारित रडार जल्द ही आने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय और राजनीतिक समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संवेदनाएँ व्यक्त की हैं और बचाव दल की बहादुरी की सराहना की है। इसके अलावा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
जारी चुनौतियाँ और पूर्वानुमान
बचाव दल निरंतर काम कर रहे हैं, और अब तक लगभग 1,000 व्यक्तियों को बचाया गया है। लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वेयनाड और अन्य जिलों में अतिरिक्त बारिश की भविष्यवाणी की है, जिसके कारण कई क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
वेयनाड में स्थिति गंभीर बनी हुई है और बचाव अभियान जारी है। ड्रोन आधारित रडार और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टीमों का समर्थन जीवित लोगों को खोजने और राहत प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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