क्या है करवा चौथ ?
करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विवाहित हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए मनाती हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यह त्योहार प्राचीन समय से मनाया जाता है, जो विवाह में प्रेम, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
कब मनाया जाता है?
करवा चौथ हिंदू महीने कार्तिक में पूर्णिमा के बाद चौथे दिन मनाया जाता है।
इसमें शामिल रीतियां
महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत तोड़ती हैं।
दिन की तैयारी
सुबह महिलाएं पूजा करती हैं, पारंपरिक परिधान पहनती हैं और उत्सव के भोजन की तैयारी करती हैं।
सर्गी परंपरा
सास द्वारा दी गई "सर्गी" को सूर्योदय से पहले खाया जाता है ताकि व्रत रखने में कठिनाई न हो।
चंद्र दर्शन
चंद्रमा उदय होने पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत तोड़ती हैं।
सांस्कृतिक महत्व
करवा चौथ वैवाहिक प्रेम और समर्पण को दर्शाता है, जो रिश्तों में सामंजस्य लाता है।
आधुनिक उत्सव
आज के समय में करवा चौथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें परिवारिक मिलन, पारंपरिक गीत और उत्सव शामिल हैं।
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